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आयाम देने के लिए तेजस्वी जी के विजन और मिशन को लोग पसंद कर रहे हैं, बदलाव होकर रहेगा: प्रो मनोज झा

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पटना/बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय के कर्पूरी सभागार में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता सह राज्यसभा सांसद प्रो मनोज कुमार झा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में इस बार जो चुनाव हो रहा है यह बुनियादी तौर पर बदलाव वाला चुनाव है। ये चुनाव तय करेगा की क्या बिहार के हिस्से में टूटी-फूटी ट्रेन आया करेंगी ।या तेजस्वी जी के नेतृत्व में बिहार में बदलाव के बाद पूंजी निवेश और विकास को आयाम मिलेगा । जिस तरह से बिहार में भाजपा , जद यू और एनडीए की सरकार कार्य कर रही है , इससे स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि बिहार के साथ हमेशा सौतेलेपन का व्यवहार होता रहा है । लेकिन इस बार चुनाव उस परिपाटी को बदलने का चुनाव है। और तेजस्वी जी के नेतृत्व में बिहार में पूंजी निवेश और विकास को आगे बढ़ाने के लिए जो उनका मिशन और विजन है उसको सरजमीन पर इंडिया महागठबंधन की सरकार बनते ही उतारा जाएगा। क्योंकि बिहार की जनता का विश्वास और उम्मीद तेजस्वी प्रसाद यादव पर है।
प्रो मनोज झा ने आगे कहा कि तेजस्वी जी ने कभी भी गुजरात का विरोध नहीं किया उन्होंने गुजरात से आने वाले उन नेताओं का विरोध किया है ,जो आज कहीं ना कहीं बापू और पटेल के विचारों को कमजोर करने का कार्य कर रहे हैं। और जिस तरह से देश में फर्क करने वाली राजनीति की जा रही है वैसी राजनीति को कभी भी बापू और पटेल ने स्वीकार नहीं किया। जहां महात्मा गांधी ने बिहार को अपना कर्मभूमि बनाया वहीं सरदार पटेल ने देश की एकता और अखंडता के लिए जो कार्य किए वो इतिहास में दर्ज है।
इन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी जी हर घर सरकारी नौकरी देने की बात कर रहे हैं। और इस पर जिस तरह का नजरिया पेश किया जा रहा है इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि नफरत करने वालों को नौकरी और रोजगार की राजनीति पसंद नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार बिहार आते हैं अनाप-शनाप बोलकर निकल जाते हैं, लेकिन बिहार को कुछ देने की बात नहीं करते हैं। वह सिर्फ इतना ही बोलते हैं कि हमने गुजरात के लिए ट्रेनें दी है ,वह गुजरात के लिए बिहार से ट्रेन इसलिए दिए हैं कि बिहार के श्रमिकों को अपनी फैक्ट्री में ले जाकर गुजरात को मजबूत करें। लेकिन बिहार बिहार के लोग अब श्रमिक के रूप में नहीं बल्कि फैक्ट्री लगाने वाले विचारों को पसंद करते हैं। और वैसा विजन तेजस्वी जी के पास है जो वह सरजमीन पर उतारने के लिए प्रण किए हुए हैं।
इन्होंने आगे कहा कि तेजस्वी जी ने महिलाओं के खाते में सालाना तीस हजार देने की बात की है और पांच साल में डेढ़ लाख रुपये महिलाओं के खाते में दिए जाएंगे। साथ ही इनको उद्यमी बनाने के लिए सरकार के स्तर से हर परिवार को सहायता राशि दी जाएगी। जो लोग आचार संहिता का उल्लंघन करके महिलाओं के खाते में दस हजार देने की राजनीति कर रहे हैं उन्हें बताना चाहिए कि तेजस्वी जी जब तीस हजार देने की बात कर रहे हैं तो एनडीए के लोग इस तरह की योजनाओं का विरोध क्यों कर रहे हैं। एनडीए सरकार महिलाओं के प्रति कभी भी ईमानदार नहीं रही है, जीविका दीदियों से बात करने के बाद सच्चाई सामने आ जाएगा।बिहार में सामाजिक सुरक्षा के नाम पर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के माध्यम से महिलाओं के बीच खौफ का माहौल कायम कर दिया गया है जो जीविका दीदियों के साथ देखने को मिल रहा है। और जिस तरह के कार्य बिहार में हो रहे हैं ,यह कहीं ना कहीं महिलाओं को मौत के कुएं में धकेलने के बराबर है, क्योंकि माइक्रो फाइनेंस कंपनियां महिलाओं पर अत्याचार कर रही है,सरकार पूरी तरह से खामोश है।
इन्होंने कहा कि 14 नवंबर के बाद बिहार में संविदा और आउटसोर्सिंग की नौकरी को नियमित किया जाएगा । और उनके साथ न्याय होगा , क्योंकि तेजस्वी जी सामाजिक सरोकार की बात करते हैं और संवाद के माध्यम से नौकरी और रोजगार कैसे मिले इसके लिए योजना को मूर्त रूप देने का कार्य किए हैं । तेजस्वी जी के नेतृत्व में 14 नवंबर के बाद बिहार के लिए एक नए युग का सूत्रपात होगा। जहां तेजस्वी जी ने पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार देने की बात की है ,वही उनके लिए 25 लख रुपए का बीमा भी कराया जाएगा ।
प्रो मनोज कुमार झा ने कहा कि अति पिछड़ा समाज को न्याय दिलाने के लिए अति पिछड़ा पर होने वाले अत्याचार को समाप्त करने के लिए अत्याचार निवारण कानून को लागू किया जाएगा। और यह उसी तरह से रहेगा जिस तरह से अनुसूचित जाति -जनजाति के लिए कानून है । हम आरक्षण व्यवस्था को बढ़ाने का कार्य करेंगे और आरक्षण में सभी के साथ न्याय होगा जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी तय की जाएगी।
इन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी जिस तरह कीबातें कर रहे हैं वैसी बातें स्ट्रीट और पंचायत चुनाव में भी बोली नहीं जाती है। वो वैसी बोली बोल रहे हैं, जो प्रधानमंत्री के पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। प्रधानमंत्री जी इस बात का ख्याल रखिए और देश और देशवासियों के बीच प्रधानमंत्री की गरिमा गिराने वाली राजनीति से स्वयं को बचा कर रखिए । देश में सभी लोग बेहतर व्यवस्था वाली और बेहतर सोच वाली सरकार चाहते हैं, देश की आजादी के बाद किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जैसा नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं। बिहार के लोग इस नारे के साथ चलो बिहार, बदले बिहार के नारों के साथ तेजस्वी जी के साथ खड़े हैं, और बिहार में बदलाव के लिए लोगों ने मन बना लिया है । प्रधानमंत्री जी 20 वर्षों में बिहार कहां पहुंच गया है इसके संबंध में आप क्यों नहीं बताते हैं 20 वर्षों में बिहार हर स्तर पर निचले पायदान पर पहुंच गया है यह नीति आयोग के रिपोर्ट से भी सामने सारी बातें आ गई है, जहां शिक्षा के क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में और मानवीय सूचकांक में बिहार फिसड्डी राज्य बन गया है ,वही आपने 20 वर्षों की सत्ता के साझीदार बनकर भी बिहार को बदलने का काम नहीं किया । जबकि तेजस्वी जी ने 17 महीने में बिहार को बदलने का काम किया था और बिहार में नौकरी, रोजगार, विकास, पर्यटन और आईटी सेक्टर में जो कार्य किया वह स्पष्ट से दिखा। बिहार के लोग तेजस्वी जी के साथ उनके कार्यों को देखकर ही विश्वास कर रहे हैं और स्पष्ट रूप से लोग कह रहे हैं की नौकरी का मतलब तेजस्वी, विकास का मतलब तेजस्वी ,और तेजस्वी का मतलब बिहार का सर्वांगीण विकास इसीलिए तेजस्वी जी बिहार में बदलाव को एक नई दिशा अपने नेतृत्व में देंगे और इंडिया महागठबंधन की सरकार बनेगी।
इस अवसर पर प्रवक्ता प्रो नवल किशोर यादव, एजाज अहमद, सारिका पासवान, लारेब अकरम, प्रमोद कुमार सिन्हा, उत्पल बल्लभ, आरजू खान सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।