बिहारक्राइम

प्रधानमंत्री बिहार का 2001 का जंगलराज याद दिलाते

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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बिहार/ प्रधानमंत्री बिहार का 2001 का जंगलराज याद दिलाते हैं।उनकी दूर की याददाश्त बहुत मजबूत है लेकिन जिस दिन वो खुद बिहार में होते हैं।उसी दिन दुलार यादव को मार दिया जाता है।एक दिन पहले SI की हत्या कर दी जाती है।उस पर प्रधानमंत्री चूं तक नहीं करते प्रधानमंत्री की दूर की याददाश्त बहुत मजबूत है लेकिन पास की याददाश्त कमजोर हो गई है।एक बात और तेजस्वी यादव के नाम पर बिहार में दूसरी जातियों को डराया जाता है।

बताया जाता है कि अगर ये आ गए तो जंगल राज आ जाएगा।लेकिन आज एक धानुक समाज से आने वाले जनसुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के लिए दुलार यादव ने जान दे दी है।जो दिखलाता है।यादवों से किसी जाति को खतरा नहीं है।जंगलराज सिर्फ लालू की सरकार में नहीं था।

जंगल राज और राक्षसराज में अंतर इतना है कि लालू की सरकार में पत्रकार लिख बोल पाते थे।एजेंडा बना पाते थे,हल्ला मचा पाते थे।

लेकिन आज के जंगलराज में ना चुनाव आयोग कुछ बोल रहा है ना प्रधानमंत्री कुछ बोल रहे हैं ना बिहार के मुख्यमंत्री कुछ बोल रहे हैं और ना ही गृह मंत्री को आज के जंगलराज से कोई लेना देना है,जंगल राज सिर्फ लालू का हो सकता है आज का राक्षसराज राम राज तुल्य है।