जमीन सर्वे कानूनगो विकास कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पांच हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
बिहार / निगरानी विभाग लगातार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को त्रिवेणीगंज के जमीन सर्वे कानूनगो विकास कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पांच हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई डीएसपी सुजीत कुमार सागर के नेतृत्व में की गई, जिसमें पांच सदस्यीय निगरानी टीम शामिल थी।
कैसे हुआ भंडाफोड़
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीएसपी सुजीत कुमार सागर के अनुसार, विकास कुमार प्रखंड क्षेत्र के महेशुआ निवासी अनुपम कुमार से सर्वे में जमीन के रकबा से संबंधित कार्य के लिए रिश्वत की मांग कर रहा था। जब परिवादी ने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की, तो टीम ने पहले सत्यापन किया और फिर गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया।
बुधवार को त्रिवेणीगंज प्रखंड के गुड़िया पंचायत सरकार भवन में जैसे ही कानूनगो ने परिवादी से पांच हजार रुपये घूस ली, निगरानी टीम ने उसे रंगे हाथ दबोच लिया। आरोपी कानूनगो को निगरानी कांड संख्या 12/2025 के तहत मामला दर्ज कर पटना ले जाया जाएगा।
परिवादी ने क्या कहा
परिवादी अनुपम कुमार ने बताया कि सर्वे का काम जारी है, लेकिन दो-तीन साल पहले वेरिफिकेशन के दौरान उनके प्लॉट को लेकर समस्याएं खड़ी हो गई थीं। हाल ही में जब सर्वेयर ने रिपोर्ट भेजी, तो उनके पिता द्वारा खरीदी गई जमीन का रकबा जानबूझकर कम कर दिया गया।
इस गलती को ठीक कराने के लिए जब उन्होंने कानूनगो विकास कुमार से संपर्क किया, तो उसने दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी। हालांकि, जब परिवादी ने उसे समझाने की कोशिश की कि वेरिफिकेशन में सब कुछ सही पाया गया है, तो भी कानूनगो ने रिश्वत की मांग जारी रखी।
लंबी बातचीत के बाद पांच हजार रुपये में सौदा तय हुआ, जिसके बाद परिवादी ने निगरानी विभाग को सूचना दे दी।
त्रिवेणीगंज में लगातार जारी है भ्रष्टाचार, आठवीं गिरफ्तारीत्रिवेणीगंज में भ्रष्टाचार का यह कोई पहला मामला नहीं है। वर्ष 2010 से अब तक यहां आठवीं बार कोई सरकारी अधिकारी या कर्मी घूस लेते गिरफ्तार किया गया है।
पिछले मामलों पर एक नजर
2010: त्रिवेणीगंज बीआरसी कार्यालय में दो ऑपरेटर रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए।
2015: तत्कालीन बीईओ लालकुंद कुमार 10,000 रुपये घूस लेते गिरफ्तार।
2016: बीईओ लालकुंद कुमार के बयान पर मध्य विद्यालय करमेनिया के सहायक शिक्षक को रिश्वत लेते पकड़ा गया।
2017: तत्कालीन बीडीओ शैलेश केसरी 25,000 रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार।
2017: त्रिवेणीगंज थाना में तैनात एएसआई विमल होरो को सुपौल कचहरी में 10,000 रुपये घूस लेते पकड़ा गया।
2018: त्रिवेणीगंज थाना के एएसआई भगवान ठाकुर 20,000 रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार।
2019: तत्कालीन त्रिवेणीगंज सीओ ध्रुव कुमार को 15,000 रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
त्रिवेणीगंज प्रशासन की साख पर फिर लगा दाग
लगातार हो रही इन घटनाओं ने त्रिवेणीगंज प्रशासन की छवि को दागदार कर दिया है। जहां एक ओर सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी अधिकारियों द्वारा खुलेआम रिश्वतखोरी आम जनता के लिए परेशानी का सबब बन रही है।
बिहार में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की सक्रियता निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है, लेकिन क्या ये कार्रवाई भ्रष्टाचार पर पूरी तरह लगाम लगा पाएगी? यह सवाल आज भी बना हुआ है।

