संस्कृति

समाज में हिंसा द्वेष और घृणा पैदा करना किसी अधर्म से कम नहीं

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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देश में इन दिनों धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले बढ़ रहे हैं। इसके पीछे वजह उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को मान रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसकी शुरुआत हरियाणा के एक चर्च से हुई जहां क्रिसमस के दिन कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की पंजाब के दरबार साहेब में वहां मौजूद सेवादारों ने एक व्यक्ति को तब मार दिया जब वह कथित तौर पर खाने की तलाश में वहां घुस गया और पवित्र तलवार को हाथ लगा दिया ।

हालांकि ईश निंदा के अपराध में अभी तक सजा का प्रावधान हमारे देश के कानून में नहीं है।लेकिन कथित तौर ऐसे कृत्य के लिए पीट पीट कर मार देना क्या किसी अपराध से कम है।इस तरीके के कई धार्मिक मसले इन दिनों सुर्खियां बने हुए हैं । रायपुर और हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में क्या बोल बोले गये यह उन्होंने धर्म विशेष की भावनाओं को आहत करने का काम किया! पर उन्हें यह समझना चाहिए कि समाज में हिंसा द्वेष और घृणा पैदा करना किसी अधर्म से कम नहीं है। धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले कालीचरण को देशद्रोह समेत अन्य मामलों में छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । इतना कुछ हो जाए और प्रतिक्रिया न आए ऐसा भला कैसे हो सकता है फिल्म कलाकार नसीरूद्दीन शाह ने इस पर टिप्पणी करते हुए मुसलिमों के बीस करोड़ होने की बात कही।

ऐसी बयानबाजियां धार्मिक युद्ध की ओर बढ़ने का संकेत भी हो सकती हैं।

हम एक हैं यह क्यों नही समझ मे आता आखिर जब किसी को रक्त की जरूरत होती हैं तब वहां कोई धर्म नही होता वहां सिर्फ जरूरत होती हैं ।हम सब एक हैं किसी पार्टी या किसी धर्म गुरु के बहकावें में ना आकर मानव प्रेम और इंसानियत को हमे चुनना हैं देश हम सब का हैं।