मधुबनी एवं झंझारपुर के द्वारा संयुक्त तौर पर अंबेडकर प्रतिमा स्थल जिला समाहरणालय मधुबनी के समक्ष एक दिवसीय धरना
मधुबनी /राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित गणना करवाने एवं बिहार में जाति गणना के बाद बढ़ाए गए 65% आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल मधुबनी एवं झंझारपुर के द्वारा संयुक्त तौर पर अंबेडकर प्रतिमा स्थल जिला समाहरणालय मधुबनी के समक्ष एक दिवसीय धरना राजद जिला अध्यक्ष सह पूर्व विधायक रामाशीष यादव के अध्यक्षता एवं झंझारपुर जिला अध्यक्ष बीर बहादुर राय के संचालन में राज्यसभा सांसद डॉ.फैयाज अहमद, भारत भूषण मंडल, उमाकांत यादव, रामावतार पासवान, सुरेंद्र प्रसाद यादव,राम बहादुर यादव, राजकुमार यादव, रामकुमार यादव, अरूण कुमार चौधरी, राजेंद्र यादव, इंद्रभूषण यादव इंद्रजीत राय, रविरंजन कुमार राजा, रेणु यादव, बबिता यादव, संतोष यादव,वीना देवी, के उपस्थित ने दिया गया।
धरना स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद डॉ.फैयाज अहमद ने कहा कि 17 महीना के महागठबंधन सरकार ने ओबीसी, एससी और एसटी के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया था, राजद इसे अनुसूची 9 में शामिल करने की बात कही थी. मामला विचाराधीन है. हम जानते थे कि भाजपा ऐसा नहीं चाहती थी. वह आरक्षण को खत्म करना चाहती थी, इसलिए उसने इसे अनुसूची 9 में शामिल नहीं किया.’
राजद जिला अध्यक्ष सह पूर्व विधायक रामाशीष यादव ने कहा कि 1990 में मंडल कमीशन की अनुशंसा लागू करने के समय से हीं राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जातिगत जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। केन्द्र की यूपीए सरकार के समय लालू जी एवं अन्य समाजवादी नेताओं की मांग पर जातिगत जनगणना हुई भी परन्तु फाइनल रिपोर्ट आते-आते केन्द्र में भाजपा की सरकार बन गई, जिसने जातिगत जनगणना के आंकड़े को प्रकाशित नहीं किया और उसे फ्रीज कर दिया। तेजस्वी यादव के पहल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी प्रधानमंत्री से मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी। पर केन्द्र की सरकार राजी नहीं हुई।
विधायक भारत भूषण मंडल ने कहा कि तेजस्वी यादव को जब सत्रह महिने सरकार में रहने का मौका मिला तो उनके पहल पर बिहार में जातिगत जनगणना कराई गई और उसके आधार पर बिहार में दलितों, पिछड़ों अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 65 प्रतिशत किया गया।
पूर्व विधायक रामावतार पासवान ने कहा कि महागठबंधन सरकार में सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। भाजपा के इशारे पर आरक्षण की इस व्यवस्था को न्यायालय में चुनौती दी गई। राज्य सरकार की नकारात्मक रवैए और न्यायालय में सही तरीके से बातों को नहीं रखने के कारण न्यायालय ने इस पर रोक लगा दिया है।
सभा को सुधीर यादव , रुदल यादव, हरिमोहन मंडल, फुलहसन अंसारी, प्रदीप प्रभाकर,सुरेंद्र कुमार चौधरी, नवल किशोर यादव, अजीतनाथ यादव, संजय कुमार यादव, दानिश इकबाल, सीताशरण यादव,धर्मेंद्र यादव, डॉ. धनवीर यादव, अनिल कुमार पासवान, उमेश यादव, देवेंद्र यादव, चरित्र सदा, रामवरण राम,रामसागर पासवान, पप्पू यादव, राम बहादुर यादव, शिवशंकर यादव, सचिन चौधरी, सचिन कुमार यादव, संजीव कुमार यादव,अमित यादव, विजय यादव, बिट्टू यादव, जिबछ यादव, गुलाबकांत यादव, अमित यादव,चंद्रशेखर झा सुमन, सहित अन्य ने संबोधित किया।