बिहार

तामिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमले सम्बन्धी फेक न्यूज पर ओछी राजनीति करने और सदन का समय बर्बाद करने के लिए भाजपा सार्वजनिक रूप से माफी मांगे : प्रवक्ता , चित्तरंजन गगन

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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पटना / राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने तामिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हुए हमले सम्बन्धी फेक न्यूज पर ओछी राजनीति करने और सदन का समय बर्बाद करने के लिए भाजपा से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिरोधी दलों को बदनाम और चरित्र हनन करने के लिए आरएसएस और भाजपा का यह चाल , चरित्र और चेहरा रहा है । भाजपा द्वारा इस प्रकार का घटिया राजनीति लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी जैसे हीं मिली , उन्होंने तत्काल बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निदेश दिया था जिसकी पड़ताल करने के बाद सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा विडियो फेक साबित हुआ।
राजद प्रवक्ता इस प्रकार के फेक खबर को भाजपा द्वारा राजनीतिक मुद्दा बनाया जाना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार के लोग यदि रोजी-रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जाने को मजबूर हैं तो इसके लिए केवल भाजपा और केन्द्र की सरकार जिम्मेवार है। पन्द्रह वर्षों तक भाजपा बिहार सरकार में शामिल रही है पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और न इसका सही हक हीं दिलवा सकी। जिससे बिहार में उधोग-धंधा और कल-कारखाना स्थापित हो सके। मनरेगा जैसी योजना की राशि में बड़े पैमाने पर कटौती कर मजदूरों को बेरोजगार बना दिया गया। रेलवे, सेना एवं केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के नियोजन में कटौती के साथ हीं नोटबंदी की वजह से बिहार में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या बन चुका है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि कल चेन्नई में तामिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के जन्मदिन के अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सहित गैर भाजपा दलों के नेताओं की एकजुटता देखकर भाजपा नेताओं के कलेजे पर सांप लोट रहा है । गैर भाजपा दलों के एक मंच पर आने से भाजपा परेशान होकर घटिया राजनीति पर उतर आई है।
इसीलिए वे बिहारी मजदूरों को पीटे जाने का फेक समाचार की ओट तेजस्वी जी के छवि को प्रभावित करना चाह रहे थे। जिसकी सच्चाई सामने आने के बाद उन्हें सांप सुंघ गया है।