बिहार

विधान परिषद से मुझे निलंबित सत्तारूढ़ दल के दबाव में किया गया है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है: डॉ0 सुनील कुमार सिंह

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पटना /बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के कोषाध्यक्ष सह बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ0 सनील कुमार सिंह ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज वह बिहार विधान परिषद में विनियोग विधेयक पर चर्चा करने के लिए पार्टी की ओर से बोल रहे थे। मैंने कल बख्तियारपुर में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसी घटना को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं कहा जा सकता है। उसके बाद मैंने इलेक्ट्रोनिक मीडिया और समाचार पत्रों में तीन दिन पूर्व लखनऊ में हुए शपथ ग्रहण समारोह में माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री के फोटो क्लीप को दिखाकर इन पंक्तियों के साथ अपनी बात रखी, जो इस प्रकार हैः-
वो कहते थे सिद्धांत हमारे पक्के हैं कमजोर नहीं
फिर से हाथ मिला लेंगे, हम इतने भी मजबूर नहीं
जब छोड़ दिया है साथ तुम्हारा, नहीं लौटकर आएंगे
मिट्टी में चाहे मिल जाएँ, पर तुमको ना अब अपनाएंगे

उसी रकीब पर आज अपना ये सब कुछ न्योछावर कर बैठे
सत्ता की खातिर सीधे उनके चरणों में हैं जा बैठे
न बातें हैं वो पहले जैसी, ना बचे हैं ंअब सिद्धांत कहीं
क्या करें भरोसा उनका, जो रखते शब्दों का मान नहीं

हमको लगा नहीं था कि ऐसा भी एक दिन आएगा
बेच जमीर कोई अपना, सीधे चरणों में गिर जाएगा
खोया है जो सम्मान बिहार ने, उसको वापस पाना है
बस हुजूर हमको तो बस, इतना ही समझाना है

जैसे ही इन बातों को रखा उसी समय तत्क्षण कार्यकारी सभापति महोदय ने कहा कि अब एक सेकेण्ड भी आपको बोलने नहीं देंगे। हमने जब कहा कि बिहार कर्जे में डूबा हुआ है और सरकार अपनी वाहवाही लूट रही है तो मुझे बोलने से फिर रोका गया। इस तरह के कार्रवाई के बाद हमलोगों ने सदन से बॉयकाट किया। जैसे ही सदन से बाहर निकले पता चला कि मुझे बिहार विधान परिषद से एक दिन के लिए निलंबित किया गया है और मामले को विधान परिषद के आचार समिति को देखने के लिए दिया जा रहा है।
इन्होंने कहा कि कार्यकारी सभापति महोदय किस प्रेशर में इस तरह का फैसला लिये हैं यह मुझे नहीं पता लेकिन ऐसा लगता है कि बिहार विधान सभा में अध्यक्ष महोदय के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ था उसके कारण ही इस तरह का मामला मेरे साथ हुआ। मैं पूछना चाहता हंू कि पहले से ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के फोटो का मीडिया में बात आ गई और सभी ने देखा कि एक 90 डिग्री कोण पर और एक 45 डिग्री कोण पर झूके हुए हैं। ऐसे में अगर मैंने फोटो दिखा ही दिया तो कौन सा अपराध किया, यह मुझे समझ में नहीं आ रहा है। अगर इस तरह के अपराध के लिए मुझे सजा दी गई है तो मैं विपक्ष में रहने के कारण कमियों को उजागर बार-बार करूंगा, और सच्चाई से लोगों को रूबरू कराउंगा क्योंकि सरकार के गलत कार्याें और नाकामियों को उजागर करना विपक्ष का कर्तव्य बनता है। कुछ दिन पूर्व इसी तरह की घटना बिहार की पहली महिला पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी जी के साथ बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के व्यवहार के कारण वो आहत हुई और सभी ने उस व्यवहार को देखा है। और सरकार अपने गलत कार्यों या लोकतंत्र में जनता के बीच विपक्ष के द्वारा कोई बातों को रोकने के लिए इस तरह की हरकतें बराबर कर रही है। सत्तारूढ़ दल के दबाव में आकर ही कार्यकारी सभापति महोदय ने मेरे उपर इस तरह की कार्रवाई की है। मैंने इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव और प्रदेश राजद के अध्यक्ष श्री जगदानन्द सिंह को सारी बातों से अवगत करा दिया है। इस संबंध में पार्टी नेतृत्व को फैसला लेना है और इस पर पार्टी जो भी निर्णय लेगी उसी के अनुसार विधान परिषद मके कार्यवाही भाग लेने या न लेने का फैसला किया जायेगा।
इन्होंने आगे कहा कि सरकार अपने ही कार्यकाल का आकलन कर ले तो समझ में आ जायेगा कि वर्तमान सरकार कैसे चल रही है। लेकिन अफसोस की बात है कि अपने कमियों को छुपाकर सरकार विपक्ष के कार्यकाल को याद दिलाती है और इस तरह से लोकतंत्र में नई परिभाषा सत्तापक्ष के द्वारा गढी जा रही है।
इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, सारिका पासवान सहित अन्य नेतागण भी उपस्थित थे।