प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग पर दो-दिवसीय राज्यस्तरीय त्रैमासिक नेतृत्व संवर्धन कार्यशाला संपन्न
पटना/राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) तथा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEPC) के नेतृत्व में, मंत्रा4चेंज के सहयोग से प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (PBL) कार्यक्रम के अंतर्गत दो-दिवसीय राज्यस्तरीय त्रैमासिक नेतृत्व संवर्धन कार्यशाला का आयोजन पटना स्थित होटल पाटलिपुत्र निर्वाण में किया गया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिलों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों (Best Practices) की प्रस्तुति, साक्ष्य-आधारित समीक्षा, आगामी छह माह की कार्ययोजना पर विमर्श, बेसलाइन सर्वे पर चर्चा तथा PBL कार्यक्रम के प्रभाव का मूल्यांकन करना था। इसके साथ ही, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों को सम्मानित भी किया गया। मधेपुरा, लखीसराय, कैमूर, भोजपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, बेगूसराय, अरवल, दरभंगा, गया, मुंगेर और रोहतास जिलों को विगत तीन माह के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के उप निदेशक श्री संजय कुमार ने कहा कि प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग शिक्षकों के लिए एक सशक्त मंच है, जो विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया को अधिक जीवंत, रचनात्मक और अनुभवात्मक बनाता है। उन्होंने कहा कि PBL शिक्षकों को केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं रखता, बल्कि उन्हें विद्यार्थियों के साथ मिलकर सीखने, खोजने और नए समाधान विकसित करने की दिशा में प्रेरित करता है। श्री कुमार ने यह भी कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद यदि शिक्षक और विद्यालय प्रमुख मिलकर नवाचार करें, तो विद्यालयों में उल्लेखनीय परिवर्तन संभव हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज बिहार के सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी भी प्रोजेक्ट और मॉडल के माध्यम से विज्ञान को समझ रहे हैं और अपनी जिज्ञासा के बल पर उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
कार्यशाला के दौरान बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी श्री शाहिद मोबिन ने सभी जिलों से आए जिला तकनीकी समूहों के सदस्यों एवं जिला शिक्षक समन्वयकों के साथ विगत तीन माह की PBL–MIP प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कम प्रगति वाले जिलों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर समन्वित प्रयासों से बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।