राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन – मखाना उद्योग को नई दिशा देगी – ऋषिकेश कश्य
पटना/बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि कॉफ्फेड लम्बे समय से मखाना बोर्ड के गठन की मांग माननीय प्रधानमंत्री एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री से कर रही थी। मखाना बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी करने के लिए राज्य के लाखों परंपरागत मछुआरों एवं कॉफ्फेड परिवार की ओर से देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी, गृह व सहकारिता मंत्री माननीय अमित शाह एवं माननीय शिवराज सिंह चौहान, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, को हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद दिया है। भारत सरकार के ’’कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय’’ द्वारा भारत में मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात संवर्धन हेतु “राष्ट्रीय मखाना बोर्ड” का गठन किया गया है। इस बोर्ड का मुख्यालय बिहार में होगा, क्योंकि बिहार मखाना उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है।
मखाना, जिसे सुपरफूड के रूप में मान्यता प्राप्त है, भारत का एक प्रमुख कृषि उत्पाद है और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। मखाना कार्बाेहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है तथा कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण स्वास्थ्यवर्धक आहार माना जाता है।
बोर्ड की संरचना
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड में निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे
अध्यक्ष (केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त)
कृषि, ग्रामीण विकास, वाणिज्य एवं उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण और लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालयों के प्रतिनिधि
बिहार के कृषि उत्पादन आयुक्त/प्रधान सचिव एवं अन्य मखाना उत्पादक राज्यों के अधिकारी
मखाना उत्पादकों, प्रसंस्करणकर्ताओं और निर्यातकों के प्रतिनिधि
o भारतीय कृषि अनुसंधान-राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा, भारतीय कृषि अनुसंधान- सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लुधियाना, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक आदि के प्रतिनिधि
बोर्ड के उद्देश्य
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का लक्ष्य मखाना क्षेत्र में समग्र विकास करना है। इसके प्रमुख उद्देश्य है:
1. उत्पादन एवं नई तकनीक के विकास को प्रोत्साहित करना।
2. कटाई के बाद प्रबंधन को सुदृढ़ करना।
3. मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देना।
4. विपणन, निर्यात एवं ब्रांड विकास को सुलभ बनाना।
5. किसानों, एफपीओ एवं अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण उपलब्ध कराना।
6. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना।
7. अन्य सरकारी योजनाओं से तालमेल कर किसानों को लाभ पहुँचाना।
वित्तीय प्रावधान
केंद्र सरकार बोर्ड के लिए वार्षिक योजना एवं बजट को अनुमोदित करेगी तथा आवश्यकतानुसार अनुदान उपलब्ध कराएगी।
नियंत्रण
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड, केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में कार्य करेगा।
यह कदम भारत के मखाना उद्योग को एक नई ऊँचाई प्रदान करेगा और बिहार समेत पूरे देश के परंपरागत मछुआरें मखाना उत्पादक/किसानों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देगा।
मांग
कॉफ्फेड के प्रबंध निदेशक ने परंपरागत रूप से मखाना की खेती करने वाले लाखों परंपरागत मछुआरों की भागीदारी राष्ट्रीय मखाना बोर्ड में सुनिश्चित करने के लिए इन मछुआरों के प्रतिनिधि संगठन बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ को राष्ट्रीय मखाना बोर्ड में शामिल करने का अनुरोध देश के प्रधानमंत्री एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर किया है।