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गौरी ब्रह्मानन्द टीचर ट्रेनिंग बी.एड कॉलेज की लचर शिक्षा व्यवस्था, शिक्षकों की भारी कमी और अवैध वसूली के विरुद्ध कुलसचिव को ज्ञापन

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बी.एड (शिक्षा) की पढ़ाई कर रहे 50 से अधिक विद्यार्थियों ने आज विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. दिव्या रानी हंसदा को एक लिखित आवेदन/ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने कॉलेज की खराब शिक्षा व्यवस्था, शिक्षकों की भारी कमी, तथा कॉलेज प्रशासन द्वारा की जा रही अवैध वसूली की गंभीर शिकायतें दर्ज की हैं।

कुलसचिव को छात्रों ने बताया कि गौरी ब्रह्मानन्द टीचर ट्रेनिंग बीएड कॉलेज सिर्फ नाम मात्र का ही एक उच्च प्रतिष्ठित बीएड कॉलेज हैं यहाँ सिर्फ 4 शिक्षक के बदौलत पुरा बी.एड और डी.एल.एड क्लास संचालित होता हैं। ऑन पेपर 32 से अधिक शिक्षक इस संस्थान में ने आते हैं पर वास्तविकता सिर्फ ये हैं की यहाँ सिर्फ चार टीचरों की मदद से बी.एड और डी.एल.एड क्लास के 400 से अधिक बच्चों का क्लास संचालित होता हैं और जो बच्चे टीचर की कमी की वजह से क्लास नहीं आते कॉलेज प्रशासन द्वारा नियमित शुल्क के अतिरिक्त फाइन के नाम पर करीब 50 हजार से अधिक की मोटी रकम की अवैध वसूली की जाती है ।जिसका कोई रशीद काटकर छात्रों को नहीं दिया जाता है और न ही ऑनलाइन पेमेंट लिया जाता है सारा शुल्क नकद में वसूला जाता है।

हद तो तब हो जाती है जब कॉलेज प्रशासन टीचर और फैकल्टी, की भारी कमी , कॉलेज का खराब इंफ्रास्ट्रक्चर, कॉलेज क्लासरूम में बल्ब, पंखा, बेंच , शौचालय की कमी, पीने के लिए पानी की कमी आदि आदि भारी कमी को दूर न करके , टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में खराब शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त न करके कॉलेज प्रशासन द्वारा सिर्फ इंटरनल एग्जाम के नाम पर भारी फीस लिया जाता है , जहां अन्य कॉलेज का इंटरनल फीस सिर्फ पांच सौ होता है वहीं इस कॉलेज में चार गुना यानि 2000रूपये लिया जाता है ,अन्य कॉलेज में सिर्फ एक इंटरनल एग्जाम होता है यहां के छात्रों से अवैध पैसा वसूलने के लिए 3 इंटरनल एग्जाम लिया जाता है। कॉलेज के पास न तो सही इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही बेहतर टीचर और न अच्छे फैकल्टी बावजूद इसके एग्जाम्स और असाइनमेंट किट, फाइन के नाम पर भारी अवैध वसूली की जाती है ।

अभी दिनांक 20/06/2025 को बी.एड प्रथम वर्ष का एग्जाम खत्म ही हुआ है की तुरंत epc पेपर इंटरनल एग्जाम देने के लिए एडमिट कार्ड के नाम पर 9000रुपए की मांग कॉलेज प्रशासन द्वारा की जाने लगी है|

इससे पूर्व परीक्षा फॉर्म फिलअप के नाम पर छात्रों से जहां अन्य कॉलेज में 2500 से 3000 हजार तक फॉर्म फिलअप लिया गया वहीं इस कॉलेज में 7000 रुपया लिया गया। परीक्षा फॉर्म भरने के समय बहुत से छात्रों को अलग अलग अनावश्यक शुल्क लगाए गए जिसका कोई रशीद नहीं दिया गया।

बिना सरकारी आदेश के अतिरिक्त फॉर्म शुल्क, लाइब्रेरी शुल्क, या विकास शुल्क लिया जा रहा है। प्रमाणपत्र/चरित्र प्रमाण पत्र देने के लिए निर्धारित शुल्क से अधिक वसूला जा रहा है।और जितने भी शुल्क लिए जा रहे उन शुल्कों में से एक भी शुल्क का भुगतान की रसीद नहीं जा रही है, और न ही कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की कमी को दूर किया जा रहा है।

यह पूरी प्रक्रिया न केवल शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन है, बल्कि छात्रों एवं अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी डालती है। यह स्पष्ट रूप से UGC एवं राज्य शिक्षा विभाग की नीतियों के विरुद्ध है।
कुलसचिव डॉ. दिव्या रानी हंसदा ने छात्रों की समस्या सुनने के बाद आश्वासन दिया कि कॉलेज प्रशासन द्वारा उपलब्ध शिक्षकों फैकल्टी का कुछ समय में इंस्पेक्शन किया जाएगा और कॉलेज में उपलब्ध सभी उपस्थित शिक्षकों की भी सूची की अब समय समय पर मांग की की जायेगी और उसमे कमी पाने पर कार्यवाही की जाएगी।
नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित किया जाएगाअब से तत्काल अवैध वसूली पर रोक लगाई जाएगी।और कॉलेज में शुल्क प्रक्रिया को पारदर्शी एवं नियमबद्ध बनाया जाएगा बिना रशीद दिए कॉलेज अब छात्रों से अतिरिक्त शुल्क भी नहीं ले सकते है अगर वो अतिरिक्त शुल्क की मांग करते है तो उनको रशीद देना अनिवार्य है, अगर वो रशीद देने से मना करे तो छात्र उनकी शिकायत युनिवर्सिटी में पुनः आकर करें दोषी अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी ।