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जयनगर के रोहित गुप्ता को मिली पीएचडी की उपाधि, कॉरपोरट जॉब छोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में हुए थे सक्रिय

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मधुबनी/जयनगर के नगर पंचायत क्षेत्र के गुदरी बाजार निवासी रोहित कुमार गुप्ता पिता स्व0 अशोक गुप्ता अंततः डॉ. रोहित हो गए हैं। उन्हें पीएचडी की उपाधि प्राप्त हो गई है और अब वे डॉ. रोहित कुमार गुप्ता नाम से जाने जाएंगे। उन्हें महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार(मोतिहारी) से प्रबंधन विज्ञान में पीएचडी अवॉर्ड मिला है। पीएचडी के दौरान उनके सुपरवाइजर डॉ. सपना सुगंधा और को-सुपरवाइजर डॉ. स्वाति कुमारी थी। उनका वायवा पिछले 27 मार्च को हुआ है। पीएचडी करने से पहले वे कॉर्पोरेट जॉब कर रहे थे। एमबीए करने के बाद वे 06 वर्षों जॉब के बाद पुनः रिसर्च करने का निर्णय लिया।

रोहित कुमार गुप्ता ने जीसस एंड मेरी स्कूल दरभंगा से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास करने के बाद आरके कॉलेज दरभंगा से बायोटेक से बीएससी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान(किशनगढ़) से मार्केटिंग में एमबीए किया। उसके बाद वे सुधा डेयरी समस्तीपुर से इंटर्नशिप करते हुए कॉरपोरट की दुनिया में कदम रखा और उसके बाद एप्पल इंक. में सेल्स इग्जीक्यूटिव के तौर पर कार्य किया। कार देखो डॉट कॉम में वे वरीय सलाहकार रहे, आकाश एजुकेशन सर्विसेज में सीनियर एरिया को-ऑर्डिनेटर रहे और ओयो में डिमांड मैनेजर रहे। इसके बाद उन्होंने जॉब छोड़कर उच्च शिक्षा में रिसर्च की ओर रूख किया और आज अंततः पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर लिये।

उपाधि प्राप्त करने के बाद रोहित गुप्ता को बधाईयाँ मिल रही है और उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि-

IMG 20250503 WA0000 जयनगर के रोहित गुप्ता को मिली पीएचडी की उपाधि, कॉरपोरट जॉब छोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में हुए थे सक्रियअंततः डॉ. रोहित गुप्ता
“साढ़े चार वर्षों के अथक परिश्रम, सैकड़ों नींदरहित रातें, हजारों शोध पत्र, सैकड़ों पीएचडी थीसिस, सांस्थानिक रिपोर्ट्स, अनगिनत घण्टों तक इस सबको पढ़ने में बीता समय।”

मेरी यात्रा केवल अकादमिक नहीं, यह धैर्य, क्षमता और विश्वास की परीक्षा रही। पिछले 06 महीने की मानसिक थकान तो पूरे जीवन में सबसे कठिन रहा।

इसके अतिरिक्त उन्होंने इसके लिए अपने परिजनों को विशेष धन्यवाद किया है जिन्होंने इनके जॉब छोड़कर पढ़ाई के निर्णय का समर्थन किया। अपनी इस शैक्षणिक यात्रा के दौरान शामिल प्रोफेसरों, साथी शोधकर्ताओं, प्रेरित करने वाले लोगों, निर्देशित करने वाले विद्वानों और उन सभी जिन्होंने किसी भी तरह साथ दिया, उनके लिए कृतज्ञता ज्ञापित की है।