बिहार

2005 के पहले और बाद के कामों का ब्योरा बताने में सरकार से ईमानदारी बरतने की अपेक्षा

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पटना / सरकार द्वारा 2005 से पहले और बाद के कामों का ब्योरा बताने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद प्रवक्ता ने अपेक्षा की है कि तुलनात्मक ब्योरा बताने में सरकार ईमानदारी बरतेगी और जो कुछ भी बताएगी वह तथ्यों और प्रमाणिकता के साथ होना चाहिए। जिससे बिहार की जनता यह जान सके कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सत्य बोल रहा है। चुंकि अबतक तो एनडीए केवल प्रपंच और प्रोपगंडा के आधार पर हीं राजद के बारे में गलत परसेप्शन बनाकर लोगों को गुमराह करते रहे हैं और लाभ उठाते रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि 1990 और 2005 के बीच बिहार को सभी योजनाओं को मिलाकर केन्द्र से कितना आर्थिक सहयोग मिला। विशेषकर 1998 से लेकर 2004 तक जब केन्द्र में एनडीए की सरकार थी और नीतीश जी केन्द्र में मंत्री थे तो केन्द्र से बिहार को कितना आर्थिक सहयोग दिया गया था। यहां यह भी ख्याल रखना होगा कि 2020 तक झारखंड भी बिहार का हीं हिस्सा था। उसी प्रकार राज्य सरकार को यह भी बताना चाहिए कि 2005 से 2014 तक बिहार को विभिन्न योजनाओं में केन्द्र से कितनी राशि मिली और 2014 से अबतक कितनी राशि मिली। केन्द्रीय मंत्री के रूप में लालू प्रसाद ने बिहार में कितने कारखाने लगाए। सरकार को अपने ब्योरे में यह भी बताना चाहिए कि 1990 में जब लालू प्रसाद मुख्यमंत्री बने थे तो बिहार पर कितने का कर्ज था और जब राबड़ी देवी जी मुख्यमंत्री पद से हटीं तो राज्य सरकार के खजाने में कितनी राशि सरप्लस थी और आज बिहार पर कितने का कर्ज है।
राज्य सरकार को अपने ब्योरे में यह भी बताना चाहिए कि 1990 और 2005 के बीच कितने जिला, अनुमंडल ,अंचल, थाना और प्रखंड बनाए गए और 2005 के बाद अबतक कितने जिला जिला, अनुमंडल, अंचल, थाना और प्रखंड बनाए गए हैं । सरकार को अपने ब्योरे में यह भी बताना चाहिए कि बी एन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा, जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, एम एन एच अरबी फारसी विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग (झारखंड) सिद्धु-कान्हु विश्वविद्यालय दुमका (झारखंड)
किसकी सरकार में खुला था।
सरकार को अपने ब्योरे में यह भी बताना चाहिए कि वर्षों से लम्बित पंचायतों का चुनाव किसने करवाया था और पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण किसने दिया था। बीपीएससी के माध्यम से शिक्षकों की बहाली किसकी सरकार में शुरू हुई थी और 4 लाख 52 हजार नियमित शिक्षकों के अलावा 1 लाख 11 हजार शिक्षा मित्रों की बहाली किसने की थी। 1993 तक एमबीबीएस डिग्रीधारी डॉक्टरों, इंजीनियरिंग में डिग्री और डिप्लोमा किए हुए सभी डिग्रीधारियों की एकमुश्त बहाली किसकी सरकार में हुई थी। लालू जी और राबड़ी जी के शासनकाल में बड़े पैमाने पर विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों, दारोगा और सिपाही के पदों पर हुई नियमित बहाली का ब्योरा भी सरकार को रखना चाहिए। चौकीदारों और दफादारों को राज्यकर्मी का दर्जा किसके शासनकाल में मिला। ताड़ी टैक्स और जलकर को किसके शासनकाल में फ्री किया गया था, रिपोर्ट में यह भी बताना चाहिए। सात निश्चय 1के साथ हीं महिलाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में 50 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय के समय महागठबंधन की सरकार थी या एनडीए की यह भी बताना चाहिए। शराबबंदी के समय सरकार में कौन-कौन शामिल थे।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि गांव-गांव में शराब की दूकान किस सरकार में खोला गया था। किसकी सरकार में सार्टिफिकेट लाओ और नौकरी पाओ के तहत बड़े पैमाने पर फर्जी शिक्षकों की बहाली हुई। प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार,परीक्षाओं किसकी सरकार में सृजन घोटाला, मुजफ्फरपुर बालिका कांड हुए।
राजद प्रवक्ता ने कहा है कि तुलनात्मक ब्योरा पेश करते हुए सरकार को 1990 से अबतक का एनसीआरबी का रिपोर्ट भी बगैर छेड़छाड़ के रखना चाहिए।