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संयुक्त किसान मोर्चा तत्वावधान में शहीद तिलका मांझी की 275 वीं जयंती

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पटना /संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार के तत्वावधान में शहीद तिलका मांझी की 275 वीं जयंती पर आज 11 फरवरी, 2025 को डी एन कॉलेज,मसौढ़ी(पटना) के मैदान में राज्य स्तरीय किसान महापंचायत* का आयोजन किया गया। यह किसान महापंचायत जबरन किये जा रहे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आयोजित किया गया था। इसके अलावा हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि विपणन नीति और बिहार में चल रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण का सवाल भी किसान महापंचायत में जोरदार ढंग से उठाया गया।

मसौढ़ी के डीएनए कॉलेज मैदान में हजारों की तादाद में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों के कार्यकर्ता लाल, हरा, पीला झंडा-बैनर लिए पूरे जोश खरोश के साथ किसान महापंचायत की कार्रवाई में भाग ले रहे थे। किसान आन्दोलन की न्यायपूर्ण गगनभेदी नारों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था।

जबरन कृषि भूमि अधिग्रहण बंद करो! कृषि भूमि अधिग्रहण में 2013 के कानून के मुताबिक मुआवजा दो 

बेहद खतरनाक, किसान विरोधी एवं कॉरपोरेट पक्षी “कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति (एनपीएफ एएम)” को वापस लो !

बड़ी पूंजी और कॉरपोरेटों के पक्ष में आनन-फानन में बिहार में चलाये जा रहे विशेष भूमि सर्वेक्षण पर रोक लगाओ !

शुरुआत में किसान एकता मंच के नेता उमेश शर्मा ने सभी प्रतिनिधियों एवं आगत अतिथियों का स्वागत किया और किसान महापंचायत के संचालन के लिए 7 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल का प्रस्ताव किया।

अध्यक्ष मंडल में अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह, बिहार राज्य किसान सभा(जमाल रोड) के महासचिव विनोद कुमार , बिहार राज्य किसान सभा(अजय भवन) के राज्य संयोजक रामचन्द्र महतो, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा (बिहार) के नेता नन्द किशोर सिंह, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के राज्य अध्यक्ष रामवृक्ष राम , ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राज्य सह सचिव इन्द्र देव राय तथा भारतीय किसान मजदूर विकास संगठन के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह शामिल थे।

संयुक्त किसान मोर्चा की बिहार इकाई द्वारा आयोजित इस किसान महापंचायत को सम्बोधित करने वाले राष्ट्रीय नेताओं में कॉ. रुलदु सिंह मानसा,राष्ट्रीय अध्यक्ष,अखिल भारतीय किसान महासभा ;
कॉ. राजन क्षीरसागर,राष्ट्रीय अध्यक्ष,अखिल भारतीय किसान सभा(अजय भवन) ; कॉ. पी कृष्णा प्रसाद, राष्ट्रीय सचिव(कोषाध्यक्ष); अखिल भारतीय किसान सभा (कैनिंग लेन); कॉ. सत्यवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन ; कॉ. राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला,महासचिव, कीर्ति किसान यूनियन,पंजाब(अ.भा.किसान मजदूर सभा से सम्बद्ध) , कॉ. डॉक्टर दर्शन पाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, क्रांतिकारी किसान यूनियन के नाम उल्लेखनीय हैं।

किसान महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा की बिहार इकाई से जुड़े लगभग सभी घटक संगठनों के पक्ष प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया। सभा को सम्बोधित करने वाले प्रमुख नेताओं में बिहार राज्य किसान सभा (अजय भवन) के राज्य सह संयोजक सीताराम शर्मा ,अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सह सचिव रामबली सिंह यादव , अखिल भारतीय किसान सभा (केनिंग लेन) के उपाध्यक्ष अवधेश कुमार ,अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के प्रांतीय सचिव अशोक बैठा ,ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के राज्य अध्यक्ष लाल बाबू महतो,अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के राज्य कमिटी सदस्य रूदल राम जय किसान आन्दोलन के नेता ऋषि आनन्द, भारत माला सड़क परियोजना प्रभावित किसान मोर्चा के देव कुमार सिंह , भारतीय किसान मजदूर विकास संगठन के महासचिव जनकदेव सिंह , प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा (बक्सर) के रामप्रवेश यादव, नौजवान मजदूर किसान मोर्चा के अध्यक्ष कल्लू सिंह, क्रांतिकारी किसान यूनियन के उपाध्यक्ष मनोज कुमार, उत्तर कोयल नहर किसान संघर्ष मोर्चा (मगध) के अध्यक्ष नन्द लाल सिंह ,ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के राज्य सचिव विनोद झा , जल्ला किसान संघर्ष समिति (पटना) के सचिव शंभुनाथ मेहता, प्रगतिशील किसान संघ के अध्यक्ष रामचन्द्र आजाद, राम जानकी पथ प्रभावित किसान मोर्चा संयोजक जयनाथ यादव के नाम उल्लेखनीय हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा की बिहार इकाई द्वारा आयोजित इस किसान महापंचायत में अध्यक्ष मंडल की ओर से किसान आन्दोलन से सम्बन्धित कुछ प्रस्ताव पेश किया गया जिसे तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सभा ने पारित किया।

प्रस्ताव इस प्रकार हैं :

1. यह किसान महापंचायत भाजपानीत केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के कॉरपोरेट अधिग्रहण और कॉरपोरेट संचालित परियोजनाओं के लिए किसानों तथा आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के खिलाफ और भूमि अधिग्रहण पुनर्वास व पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन की मांग को लेकर लगातार संघर्ष चलाने का एलान करती है।

2. यह किसान महापंचायत बिहार में तेजी से जारी सरकारी-गैरसरकारी विकास योजनाओं के नाम पर कृषि भूमि की लूट व बर्बादी की घोर निंदा करती है और बिना अधिसूचना, बिना नोटिस, बिना मुआवजा दिये कृषि भूमि के अधिग्रहण पर अविलम्ब रोक लगाने की मांग करती है। साथ ही कृषि भूमि अधिग्रहण करने में 2013 के कानून के मुताबिक 80% किसानों की सहमति और वर्तमान बाजार भाव से चार गुणा अधिक मुआवजा देने की मांग करती है।

3. यह किसान महापंचायत केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा चोर दरवाजे से तीनों काले कृषि कानूनों से भी ज्यादा खतरनाक किसान विरोधी एवं कॉरपोरेट पक्षी *कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति (एनपीएफएएम)* का प्रस्ताव राज्यों को भेजने का घोर विरोध करती है और साथ ही राज्य सरकार से मांग करती है कि वह अपना विरोध दर्ज करते हुए प्रस्ताव को केन्द्र सरकार को वापस भेज दे।

4. यह किसान महापंचायत बिहार में सरकार द्वारा बिना समुचित तैयारी के आनन-फानन में भूमि सर्वेक्षण कराने की घोषणा कर अफरातफरी का माहौल पैदा कर लूट और भ्रष्टाचार का बाजार गर्म कर देने की तीव्र आलोचना करती है। सर्वे के नाम पर किसानों की जमीन और गरीबों के वास की जमीन का समुचित कागजात न होने का बहाना लेकर उनकी जमीन की जमाबंदी रद्द कर उसे सरकारी घोषित कर कॉरपोरेट के लिए लैंड बैंक बनाने की बिहार सरकार की कोशिश का पुरजोर विरोध करती है और मांग करती है कि बड़ी पूंजी के मालिकों व कॉरपोरेटों के पक्ष में किया जा रहा यह विशेष भूमि सर्वेक्षण कार्य पर अविलम्ब रोक लगाई जाए।

5. यह किसान महापंचायत बिहार में एपीएमसी ऐक्ट की पुनर्बहाली कर कृषि मंडियों को पुनः चालू करने की मांग करती है।

6. यह किसान महापंचायत सभी फसलों का सी-2 + 50 प्रतिशत एमएसपी की कानूनी गारंटी के साथ सरकारी खरीद की गारंटी करने की मांग करती है।

7. यह किसान महापंचायत बिहार की तमाम सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार करने की मांग करती है। सोन – गंडक – कोसी नहरों का आधुनिकीकरण , उसमें स्थायी जल प्रबंधन हेतु जलाशयों का निर्माण कराने, सभी सरकारी नलकूपों को चालू करने और नये का निर्माण कराने, छोटी-छोटी नदियों को जोड़ कर उससे सिंचाई का प्रबंध करने की मांग करती है।

8. यह किसान महापंचायत बिजली के निजीकरण का घोर विरोध करती है । स्मार्ट मीटर की वापसी करने और किसानों को सिंचाई हेतु मुफ्त बिजली देने की मांग करती है।

9. यह किसान महापंचायत किसानों को संपूर्ण कर्ज से मुक्ति, खाद्य सुरक्षा की गारंटी और 60 वर्ष पूरा कर चुके किसानों को 10000 रुपया मासिक पेंशन देने की मांग करती है।

10. यह किसान महापंचायत राज्य सरकार से मांग करती है कि किसानों के आंदोलन पर दमनात्मक कार्रवाई करना बंद करे, किसान आन्दोलनों के न्यायोचित मांगों को अविलम्ब पूरा करे तथा अब तक किसान आंदोलनों पर सरकारी अधिकारियों द्वारा किये गये तमाम फर्जी मुकदमों को वापस लो।

IMG 20250211 WA0010 संयुक्त किसान मोर्चा तत्वावधान में शहीद तिलका मांझी की 275 वीं जयंतीसंयुक्त किसान मोर्चा, बिहार द्वारा आयोजित इस राज्य स्तरीय किसान महापंचायत में यह संकल्प लिया गया कि न्यायपूर्ण किसान आन्दोलन को अग्रगति प्रदान करने के लिए पूरे बिहार में आम मेहनतकश किसानों एवं खेत मजदूरों से व्यापक सम्पर्क एवं संवाद स्थापित किया जाएगा।

किसान महापंचायत के मंच से संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार के नेताओं ने घोषणा की कि अगले महीने 24, 25 एवं 26 मार्च, 2025 को पटना में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय किसान महापड़ाव किया जाएगा।

अध्यक्ष मंडल की ओर से साथी विनोद कुमार ने अध्यक्षीय भाषण दिया। उन्होंने कार्यक्रम में बिहार के दूरदराज इलाकों से आये हुए किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं, नेताओं को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद भी दिया। इसके बाद किसान महापंचायत की समाप्ति की घोषणा की गई।

जारीकर्ता : उमेश सिंह, विनोद कुमार, रामचन्द्र महतो, नन्द किशोर सिंह, रामवृक्ष राम, इन्द्र देव राय, अनिल कुमार सिंह (सभी अध्यक्ष मंडल के सदस्य)।