बिहार

महादलित टोले की जमीन पर पंचायत सरकार भवन निर्माण का विरोध काम पर लगाए रोक और भाजपा नेता लिखा पत्र

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गोपाल कुमार की रिपोर्ट 

मधुबनी/खुटौना प्रखंड के ललमनियां पंचायत के वार्ड संख्या 12, महादलित दक्षिण टोला, घोरमोहना में पंचायत सरकार भवन के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मुखिया मो. आजाद द्वारा प्रस्तावित और खुटौना के पूर्व सीओ रमण कुमार से एनओसी प्राप्त जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने पहुंचे ठेकेदारों को ग्रामीणों और महादलित परिवारों के विरोध का सामना करना पड़ा।

गांव के स्वर्गीय बाबूलाल महरा के परिवार ने जमीन को अपनी रैयती संपत्ति बताया और कहा कि यह भूमि 1942 में उनके दादा फौदार हरिजन के नाम महाराजा दरभंगा से बंदोबस्त की गई थी। परिवार का दावा है कि 1972 में इस जमीन पर एक संस्कृत विद्यालय खोला गया, जो बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को दान में दे दी गई थी।

ग्रामीणों का आरोप है कि इस भूमि पर एक निर्माणाधीन मंदिर का ढांचा था, जिसे प्रशासन ने बलपूर्वक तोड़ दिया। शनिवार को भाजपा जिला अध्यक्ष ऋषिकेश राघव के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर मुखिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने की एनओसी रद्द करने की मांग

भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि रैयती जमीन पर पंचायत सरकार भवन बनाना गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि पंचायत क्षेत्र में सरकारी जमीन उपलब्ध होने के बावजूद महादलित परिवार की जमीन को निशाना बनाकर साजिश के तहत एनओसी ली गई। पार्टी ने एनओसी को तत्काल रद्द करने और ढाहाए गए मंदिर का पुनर्निर्माण करने की मांग की।

ग्रामीणों ने उठाए ग्रामसभा न बुलाने के सवाल

गांव के लोगों और वार्ड सदस्यों ने बताया कि इस विवादित भूमि पर निर्माण को लेकर कोई ग्रामसभा नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण पंचायत के अन्य उपयुक्त स्थानों पर किया जा सकता है।

मामले को लेकर अब तक प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भाजपा ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन तेज करेंगे।