देश के दो बार प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह का निघन, दिल्ली के AIIMS में ली आख़िरी साँस ली आए जानते विशेष
दिल्ली /वरिष्ठ कांग्रेस नेता Manmohan Singh को गुरुवार रात तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया था। जहाँ इमरजेंसी वार्ड में उनका इलाज कर रहे थे।इसी दौरान उनका निधन हो गया है।
2014 तक देश के दो बार प्रधानमंत्रीरहे थे, जबकि इससे पहले उन्होंने ही 90 के दशक में पीवी नरसिंहराव के सरकार में वित्तमंत्री रहते हुए ,देश में आर्थिक सुधारों की शुरुवात की थी। भारत के आर्थिक सुधार में पूर्व प्रधानमंत्री Manmohan Singh का सबसे बड़ा नीव माना जाता है।
सांस लेने के तकलीफ़ होने पर कराया गया था AIIMS में भर्ती
गुरुवार को शाम को सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी।इसके चलते उन्हें रात करीब 8 बजे हालात ज़्यादा बिगड़ने पर उनको दिल्ली के अस्पताल AIIMS में लाकर इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। वहा उनके दिल में कुछ समस्या दिखाई दे रही थी, जिसके चलते कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डॉ नीतीश नाइक के देखरेख में सीनियर डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी, जानकारी के मुताबिक, इस दौरान उनका निधन देर रात को हो गया।
AIIMS पहुंची प्रियंका गांधी, राहुल गांधी भी कर्नाटक से दिल्ली रवाना
मनमोहन सिंह के दिल्ली AIIMS में भर्ती कराए जाने के खबर मिलते ही कांग्रेस संसद प्रियंका गांधी भी देर रात वहा पहुंची, AIIMS में Manmohan Singh की बेटी पहले से मौजूद थी उधर कांग्रेस ने कर्नाटक के बेलगावी में चल रहे CWC Meeting को बीच में ही रद्द कर दिया है।राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक से दिल्ली के लिए रवाना हो गए है।उनकी सीधे दिल्ली AIIMS पहुचने की संभावना है।तबीयत ख़राब होने के कारण दिल्ली में ही मौजूद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी AIIMS के लिए रवाना हो गई है।
पाकिस्तान में हुआ था Manmohan Singh का जन्म
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और एक वरिष्ठ प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री जिन्होंने राजनीतिक और प्रशासनिक करियर में उल्लेखनीय योगदान दिया Dr Manmohan Singh का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के गह गांव में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की थी. इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सीफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी की थी. अपनी उच्च शिक्षा के बाद, वे संयुक्त राष्ट्र के साथ एक अर्थशास्त्री के रूप में जुड़े और फिर भारत लौटकर शिक्षा और प्रशासनिक सेवाओ में अहम ।कार्य किया।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया में भी काम किया
भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होकर योजना आयोग, वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया।1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था तब उन्हें वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।उन्होने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे फैसले लिए जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली. उन्हें देश का सबसे बड़ा अर्थशास्त्री भी कहा जाता था।