बिहार विधानसभा के चार सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम लगभग सामने
बिहार विधानसभा के चार सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम लगभग सामने हैं। सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती की जा रही थी। बिहार के चारों सीटों पर एनडीए प्रत्याशी ने अपना परचम लहराया है। बेलागंज से जदयू प्रत्याशी मनोरमा देवी ने जीत हासिल की है। तो वहीं इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी का कमाल बरकरार रहा है। जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी ने इमामगंज से जीत दर्ज की है। रामगढ़ में भाजपा के अशोक सिंह ने परचम लहराया है। वहीं तरारी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से बीजेपी उम्मीदवार और सुनील पांडे के बेटे विशाल प्रशांत ने परचम लहराया है। बता दें कि, बिहार के चार तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ पर 13 नवंबर को उपचुनाव हुआ। वहीं आज यानी 23 नवंबर को सुबह से मतगणना जारी है। थोड़ी देर में चुनाव आयोग सभी उम्मीदवारों के जीत की घोषणा करेगी।
बता दें कि रामगढ़ विधानसभा सीट से 5 प्रत्याशियों ने अपना किस्मत आजमाया था। जिनमें से मुख्य मुकाबला भाजपा- बसपा में देखने को मिला। राजद उम्मीदवार तीसरे नबंर पर रहे। तो वहीं जन सुराज चौथे स्थान पर रहे। बिहार के चारों विधानसभा सीट पर जनसुराज के प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा है। जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के सभी दावे गलत साबित होते नजर आया है। मतगणना के शुरुआती रुझान में बसपा प्रत्याशी बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव आगे चल रहे थे हालांकि जैसे जैसे वोटों की गिनती हुई भारतीय जनता पार्टी ने मुकाबले में ना सिर्फ वापसी की बल्कि 1362 वोट से जीत भी दर्ज की। भाजपा के अशोक कुमार सिंह रामगढ़ के राजा बने। उन्हें 62257 वोट मिला।
वहीं रामगढ़ में दूसरे नबंर पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव रहे। जिन्हें 60895 वोट मिला। वहीं रामगढ़ पर एक वक्त में राज करने वाला राजद इस बार तीसरे स्थान पर रहा। राजद उम्मीदवार और सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह को रामगढ़ में करारी हार का सामना करना पड़ा। अजीत सिंह को 35825 वोट मिला। वहीं रामगढ़ में जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार सुनील कुमार सिंह चौथे स्थान पर रहे। उन्हें मात्र 6513 वोट मिला। पांचवे स्थान पर राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के उम्मीदवार राज कुमार राम रहे। उन्हें 1543 वोट मिला। वहीं नोटा पर 1287 लोगों ने वोट दिया।
बता दें कि,रामगढ़ में अजीत के भाई सुधाकर सिंह विधायक थे। उनके सांसद चुने जाने के कारण ही यहाँ उपचुनाव हुआ। इसमें राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और सुधाकर के भाई अजीत सिंह उम्मीदवार बनाए गये। लेकिन चुनाव में अजीत को बड़ा झटका लगा। राजद अपनी जीती हुई सीट बचाने में सफल नहीं रही। रामगढ़ में सांस रोक देने वाला मुकाबला देखने को मिला लेकिन इस कांटे की टक्कर में आखिरकार भाजपा ने जीत का ताज पहन ही लिया।