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आखिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार करता क्या है, क्यों अहम है यह पद

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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प्रदीप कुमार नायक

भारत में संदिग्ध गतिविधियां ना हों, भारत की सुरक्षा बेहतर हो और देशवासी सुरक्षित रहें, इसकी बड़ी जिम्मेदारी देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर होती है। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के मुखिया को ही नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर कहते हैं।
अजित डोभाल देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। उन्हें एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का एनएसए नियुक्त किया है। उन्हें लगातार तीसरी बार देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है।

नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल

देश की सुरक्षा से जुड़े मसलों की जानकारी देने का काम एनएसए का होता है। देश के अहम सुरक्षा से जुड़े मसलों की जानकारी एनएसए पीएम को देते हैं। नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के हेड एनएसए होते हैं।
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में डिप्टी एनएसए, रक्षा मंत्री, नीति आयोग के अध्यक्ष, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, गृहमंत्री आते हैं। ये सभी लोग प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं।
अटल बिहारी वाजयेपी ने किया था पद का गठन

नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल का गठन 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में किया गया था। उस वक्त अमेरिका भारत के साथ नहीं बल्कि पाकिस्तान के समर्थन में था।
उस वक्त जब एनएससी का गठन किया गया तो बृजेश मिश्रा को देश का पहला एनएसए नियुक्त किया गया। वह मुख्य सचिव भी थे। जब मनमोहन सिंह की सरकार आई तो दोनों ही पदों को अलग कर दिया गया। एनएसए को अलग और मुख्य सचिव को अलग कर दिया गया।

NSC के तीन मुख्य विंग

नेशनल सिक्यिरिटी काउंसिल में तीन संगठन होते हैं, जिसमे ज्वाइंट इंटेलिजेंस कमेटी, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड, स्ट्रैटेजिक पॉलिसी ग्रुप यानि एसपीजी शामिल हैं। ज्वाइंट इंटेलिजेंस कमेटी का कार्य डेटा को इकट्ठा करना होता है।
इसमे आईबी, रॉ, सेना, नौसेना, वायुसेना के इंटेलिजेंस डेटा को इकट्ठा करके जेआईसी को देते हैं। इस डेटा को नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड को दिया जाता है। इस डेटा पर रिसर्च करने के बाद इसे स्ट्रैटेजिक पॉलिसी ग्रुप को दे दिया जाता है। इसमे 16 सदस्य होते हैं l

एनएसए की योग्यता
एनएसए के पद के लिए आईपीएस या आईएफएस होना अनिवार्य है। एनएसए बतौर डिप्लोमैट यानि राजनयिक भी कार्य करते हैं। देश के पहले एनएसए बृजेश मिश्रा थे। वह 1998-2204 तक एनएसए थे।
इसके बाद जेएन दीक्षित 2004-2005 के बीच एनएसए रहे। इसके बाद 2005-2010 के बीत एमके नारायणन एनएसए रहे। 2010-2014 के बीच शिवशंकर मेनन देश के एनएसए रहे। मेनन के बाद अजित डोभाल 2014 में एनएसए बने और लगातार तीसरी बार उन्हें एनएसए नियुक्त किया गया।