दिसंबर से हर जिले में पहुँचेगी सरकार, रैयतों की समस्याओं का होगा मौके पर समाधान
पटना/राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा बैठक में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सह राजस्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पूरे राज्य में चल रहे राजस्व महाअभियान की प्रगति का विस्तृत आकलन किया।
बैठक में विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल सहित शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस अभियान का मूल लक्ष्य बिहार की जमाबंदी को पूरी तरह अपडेट करना और रैयतों की जमीन से जुड़े हर प्रकार के लंबित मामलों को प्राथमिकता के साथ सुलझाना है।
अभियान के दौरान पूरे राज्य में पंचायत स्तर पर लगाए गए शिविरों में रैयतों से 46 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए—जिसमें उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण, डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटि सुधार और पुराने रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने जैसी बड़ी समस्याएँ शामिल हैं।
इनमें से 15 लाख आवेदनों की अपलोडिंग पहले ही पूरी की जा चुकी है, जबकि शेष आवेदन 31 दिसंबर तक पूरी तरह अपलोड कर दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और विभाग तेजी से इस दिशा में काम कर रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी से मार्च के बीच फिर से पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे, जहाँ रैयतों के सभी आवेदनों का निष्पादन उसी स्तर पर किया जाएगा, ताकि लोगों को बार–बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।
बैठक में एक बड़ी घोषणा करते हुए मंत्री सिन्हा ने बताया कि नई सरकार की नई पहल के रूप में “भूमि सुधार जनकल्याण संवाद” कार्यक्रम की शुरुआत 12 दिसंबर से पटना में की जाएगी।
यह कार्यक्रम अगले 100 दिनों में पूरे राज्य के जिलों में आयोजित होगा, जहाँ संबंधित जिलों के रैयतों की समस्याओं को सुनकर वहीं पर समाधान किया जाएगा। संवाद में विभाग के सभी महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित रहेंगे ताकि हर मुद्दे का तुरंत निस्तारण संभव हो सके।
पहला जिला कार्यक्रम 15 दिसंबर को लखीसराय के टाउन हॉल में आयोजित होगा, जबकि शेष जिलों की तिथियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बैठक के दौरान प्रधान सचिव सीके अनिल, सचिव जय सिंह, भू–अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे प्रियदर्शिनी,चकबंदी निदेशक राकेश कुमार, भूमि अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह समेत विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

