जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार आज जेडीयू में शामिल होंगे
पटना/जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार के जेडीयू में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है, आज वो फिर से जेडीयू का हाथ थामने वाले हैं।
जेडीयू में अरुण कुमार की एंट्री से जेडीयू नेता ललन सिंह ने अरुण कुमार की एंट्री पर रोक लगा दी थी। अब एक महीने बाद 11 अक्टूबर को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में ललन सिंह की मौजूदगी में अरुण कुमार अपने समर्थकों के साथ जेडीयू में शामिल होंगे। इस मौके पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।
बेटे को विधानसभा चुनाव में उतारने की योजना
अरुण कुमार अपने बेटे को आगामी विधानसभा चुनाव में उतार सकते हैं।यह कदम जहानाबाद के एक अन्य पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के बेटे राहुल शर्मा के आरजेडी में शामिल होने के जवाब में देखा जा रहा है। जेडीयू नेतृत्व ने इस स्थिति को देखते हुए अरुण कुमार को पार्टी में शामिल करने का फैसला लिया है।अरुण कुमार की मगध क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती है जो जेडीयू और एनडीए के लिए फायदेमंद हो सकती है।
1999 में जेडीयू के टिकट पर और दूसरी बार 2014 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के टिकट पर उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता था।हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें सफलता नहीं मिली। भूमिहार समाज से आने वाले अरुण कुमार की मगध क्षेत्र में अच्छी राजनीतिक पकड़ है, जिसका लाभ जेडीयू को मिल सकता है।
नीतीश और उपेंद्र कुशवाहा के साथ उतार-चढ़ाव भरे रिश्ते
अरुण कुमार का नीतीश कुमार के साथ एक समय घनिष्ठ रिश्ता था, लेकिन लंबे समय से दोनों के बीच दूरी बनी हुई थी। इसके अलावा, उपेंद्र कुशवाहा के साथ भी उनकी नजदीकियां रहीं, जिनकी पार्टी रालोसपा से वे सांसद बने थे। बाद में उपेंद्र कुशवाहा से भी उनकी दूरी बन गई।अब लंबे समय बाद अरुण कुमार एक बार फिर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में शामिल हो रहे हैं।
विवादास्पद बयानों से चर्चा में
अरुण कुमार अपने विवादास्पद बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। खासकर नीतीश कुमार के खिलाफ उनकी एक टिप्पणी, जिसमें उन्होंने “छाती तोड़ने” की बात कही थी ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। उनके बयानों ने समय-समय पर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है।
मगध में मजबूत होगी एनडीए की स्थिति
अरुण कुमार के जेडीयू में शामिल होने से मगध क्षेत्र में एनडीए की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है। 2020 के विधानसभा चुनाव में मगध की 26 सीटों में से एनडीए को केवल 6 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 20 सीटें महागठबंधन के खाते में गई थीं। अरुण कुमार की क्षेत्र में अच्छी पकड़ को देखते हुए जदयू और एनडीए को इसका लाभ मिल सकता है।
जेडीयू में नई शुरुआत
अरुण कुमार का जेडीयू में शामिल होना पार्टी के लिए एक नई शुरुआत मानी जा रही है। उनकी मौजूदगी से न केवल जहानाबाद बल्कि पूरे मगध क्षेत्र में जेडीयू और एनडीए की स्थिति को बल मिलेगा।