कॉफ्फेड की 295वीं निदेशक बोर्ड की बैठक में मछुआरों के विकास से संबंधित लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
पटना /बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक श्री ऋषिकेश कश्यप ने डोल्फिन शोध केन्द्र में आयोजित कॉफ्फेड की 295वीं निदेशक बोर्ड की बैठक का संचालन करते हुए कहा कि बैठक में राज्य के मछुआरों के हित में मखाना बोर्ड में कॉफ्फेड को शामिल करने, गोताखोरों की स्थायी नियुक्ति करने, राज्य के सभी मछुआ समितियों को एफएफपीओ को दर्जा प्रदान करने, कॉफ्फेड को सीबीबीओ नियुक्ति करने, सुधा बूथ के तर्ज पर फिश बूथ का निर्माण करने, सभी सरकारी तालाबों सरकारी बोरिंग लगाने, तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने आदि जैसे दर्जनों प्रस्ताव को रखा। प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया।
बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. गोपाल शर्मा, अंतरिम निदेशक, राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केन्द्र शामिल होकर उन्होंने राष्ट्रीय डॉल्फिन शोध केन्द्र के कार्याें के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने गंगा डॉल्फिन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, मछुआरों के सर्वागीण विकास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डॉफिन संरक्षण एवं विकास के लिए मछुआरों को बड़े पैमाने पर कॉफ्फेड के मिलकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। डॉल्फिन एवं गंगा नदी में पाई जाने वाली मछलियों के संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षक कार्यक्रम का भी आयोजन कॉफ्फेड के साथ मिलकर किया जाएगा। यह समय की मांग है।
श्री कश्यप एवं श्री सहनी ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए कहा कि कॉफ्फेड से जुड़े 16 लाख परंपरागत मछुुआरें एवं 880 मछुआ सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार के गृह एवं सहकारिता के मंत्रालय के द्वारा 10 हजार करोड़ रूपये की योजना बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के लिए स्वीकृत किया गया है। राज्य सरकार ऋण एवं अनुदान हेतु अपने कैबिनेट से पास कर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को अविलम्ब भेजे ताकि माननीय प्रधानमंत्री एवं गृह व सहकारिता मंत्री के द्वारा दिए गए निर्देश ‘‘सहकार से समृद्धि‘‘ के आलोक में लाखों मछुआरों को मछुआ समिति के माध्यम रोजगार का सृजन हो सके। नेताद्वय ने आगे बताया कि सुगर सहकारी मिलों एवं दुग्ध सहकारी समितियों के लिए केन्द्र सरकार पहले ही 10-10 हजार करोड़ रूपये निर्गत कर चुकी है। अब बारी है मछुआरों सहकारी समितियों को ऋण एवं अनुदान उपलब्ध कराने की।
इस बैठक में निदेशकगण् राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के प्रतिनिधि, शिवनंदन प्रसाद, अरूण सहनी, प्रदीप कुमार सहनी, लालो सहनी, इंदर मुखिया, कपिलदेव सहनी, निरंजन कुमार सिंह, नरेश प्रसाद सहनी, अशोक कुमार चौधरी, पद्मजा प्रियदर्शनी, कुमार शुभम, सानिध्य राज, अभिलाष कुमार, शिवानी देवी, मिनाक्षी कुमारी, राकेश कुमार, मदन कुमार, लाल बाबू सहनी, सिमरन, गोपी कुमार, रवि राज, रानी देवी उपस्थित थे।