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खगौल में ‘एक शाम रफी एवं लता जी के नाम’ कार्यक्रम का भव्य आगाज

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राजकुमार यादव की रिपोर्ट 

बिहटा /खगौल की धरती पर आज एक अविस्मरणीय शाम का समापन हुआ, जहाँ मोहम्मद रफी साहब की 45वीं पुण्यतिथि और लता मंगेशकर जी की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित ‘एक शाम रफी एवं लता जी के नाम’ कार्यक्रम ने संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शुभ आलय उत्सव पैलेस, बड़ी बदलपुरा में रंगोली म्युजिकल ग्रुप (खगौल) पटना द्वारा प्रस्तुत इस संगीतमय श्रद्धांजलि ने दर्शकों को सुरों के सागर में डुबो दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत विधायक आई पी गुप्ता, माध्यमिक विद्यालय पूर्व रेलवे दानापुर के प्राचार्य ज्ञानेश्वर प्रसाद, अतिथि रंगकर्मी विनोद शंकर मिश्रा, सूत्रधार नाट्य संस्था के महासचिव रंगकर्मी एवं अधिवक्ता नवाब आलम, प्रो प्रसिद्ध कुमार, बालिगा माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहन पासवान और उनकी पत्नी समाजसेवी अनिता देवी, लक्ष्मी पासवान सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर उदघाटन किया।
कार्यक्रम के व्यवस्थापक पवन कुमार दीपक ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और मोहम्मद रफी साहब एवं लता मंगेशकर जी की जीवनी पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह आयोजन सिर्फ एक संगीत कार्यक्रम नहीं, बल्कि इन दो महान कलाकारों को याद करने, उनके अमर संगीत का जश्न मनाने और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।
एम के राजू ने उद्घोषक की भूमिका निभाई, जबकि महिला कलाकार श्रिया लता और अंजलि ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। सुजीत कुमार चेयरमैन ने कलाकारों को मनोबल बढ़ाया। पवन अंजलि के साथ “तूने ऐ रंगीले कैसा जादू किया” गीत पर जुगलबंदी की, वहीं श्रिया लता ने “दिल अपना प्रीत पराई” गाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। पवन कुमार ने रफी साहब की आवाज़ में “सुख के सब साथी” जैसा सुरीला गीत गाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
आज खगौल में मो. रफी और लता मंगेशकर जी के गीतों से ऐसी सुरमई शाम बंधी कि क्या युवा, महिलाएं, या बुजुर्ग, सभी गीत-संगीत के इस सरोवर में डूबकी लगाने को मजबूर हो गए। रंजन ठाकुर सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी इस संगीतमय संध्या में उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम खगौल की समृद्ध कलात्मक विरासत का एक जीवंत प्रमाण था, जो आर्यभट्ट की ज्ञान की भूमि और कला-संस्कृति के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खगौल वह धरती है जिसने देश और दुनिया को कई नामचीन कलाकार दिए हैं।
पवन कुमार दीपक के सफल आयोजन में, इस शाम ने संगीत प्रेमियों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया, जहाँ रफी साहब और लता जी की आत्मा को स्पर्श करने वाले गीतों ने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।