दयनीय सूरत आधुनिक साइबर सिटी की: ईं आरके जायसवाल
न्यूज डेस्क
गुरुग्राम/ एक ओर जहां गुरुग्राम को देश की आधुनिक ‘साइबर सिटी’ कहा जाता है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इसके विपरीत तस्वीर पेश कर रही है। शहर के कई इलाकों में गड्ढों में तब्दील सड़कों, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों, जगह-जगह फैले कूड़े के ढेर और जलभराव से नागरिकों का जीवन नारकीय हो गया है।
जहाँ इस शहर को सबसे ज़्यादा लक्ज़री कारों वाला शहर कहा जाता है वहीं सड़कों पर गड्ढे इतने गहरे हैं कि वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं। बारिश के बाद में ये गड्ढे तालाब बन जाते हैं, जिससे रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं साथ ही गाड़ीयों को भी नुक़सान पहुँचा रहा हैं। वहीं, बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों के कारण रात में दुर्घटना और असामाजिक गतिविधियों का खतरा बढ़ जाता है।
सबसे चिंता की बात यह है कि जगह-जगह कूड़े के ढेर खुले में पड़े हैं, जिससे महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। नालियों का पानी सड़कों पर बहता नजर आता है, जिससे दुर्गंध और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।
स्थानीय निवासियों ने नगर निगम और संबंधित अधिकारियों से बार-बार अनुरोध किया है कि इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की जाए, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है और शायद आगे भी समस्या का समाधान कि उम्मीद नहीं है। क्या यह वही साइबर सिटी है, जिसकी तुलना सिंगापुर और दुबई से की जाती है?

