बड़ी खबरेबिहारसंस्कृति

पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्म भूषण हुकुमदेव नारायण यादव होंगे भारत के उप राष्ट्रपति , लोगों में चर्चा

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
Listen to this article

सुनीता कुमारी 

पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव भारत के अगले उप राष्ट्रपति बनने की रेस में हैं और उनके नाम की चर्चा हो रहा है। 2017 में भी इनको उप राष्ट्रपति बनाने के लिए नाम की सहमति बन गई थी लेकिन एक साधारण से विवाद के बाद इनके नाम को पीछे कर वेंकैया नायडू को उप राष्ट्रपति बनाया गया था। जगदीप धनखड़ के त्यागपत्र के बाद अभी जो भी उप राष्ट्रपति बनेंगे, उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा। अभी तीन महीने बाद बिहार विधानसभा चुनाव और नौ महीने बाद 2026 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुड्डुचेरी का विधानसभा चुनाव होना है।

बतादे की नए उप राष्ट्रपति के नाम तय करने में भूमिका हो। बिहार के अतिरिक्त पश्चिम बंगाल या तमिलनाडु से भी कोई वरीय भाजपा नेता को उप राष्ट्रपति बनाया जा सकता है। बिहार की दृष्टि से देखें तो उप राष्ट्रपति पद के लिए सबसे स्वाभाविक और महत्त्वपूर्ण नाम हुकुमदेव नारायण यादव हो सकते हैं। पूर्व उप राष्ट्रपति  धनखड़ ओबीसी में जाट जाति के किसान परिवार से थे और श्री यादव भी ओबीसी में यादव जाति के अंतर्गत  और उनका राजनीतिक करियर 06 दशकों का और बेदाग रहा है।

दरभंगा के बिजली गाँव में साधारण परिवार में जन्मे पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव के राजनीतिक गुरु राममनोहर लोहिया थे और वे हमेशा कॉंग्रेस के विरुद्ध रहे हैं। संसोपा, लोक दल, जनता पार्टी, जनता दल होते हुए वे भाजपा में आए और पिछले 03 दशकों से अधिक समय से भाजपा में हैं और सामंतवाद एवं कॉंग्रेस विरोध की राजनीति करते हुए वे कभी भी कॉंग्रेस के साथ नहीं गए। वे 21 वर्ष की उम्र में 1960 में ही मुखिया/ग्राम प्रधान बन गए थे और दो बार मुखिया रहने के बाद प्रखंड प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष भी रहे। 1967 में ही वे पहली बार विधायक बन चुके थे जब लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान का कोई नामलेवा तक नहीं था। वे कुल 03 बार विधायक और 06 बार सांसद रहे। वे 05 बार लोकसभा सांसद और 01 बार राज्यसभा सांसद भी रहे हैं और स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। वे मधुबनी लोकसभा से 04 बार और सीतामढ़ी से 01 बार लोकसभा सांसद रहे हैं। वे सर्वश्रेष्ठ सांसद के साथ ही बेदाग राजनीतिक व्यक्ति रहे हैं।

उन्होंने कभी कोई घोटाला या अपराध नहीं किया और संसद में भारतीय ग्रामीण जीवन का प्रतिनिधित्व करते रहे और किसानों की आवाज मजबूती से उठाते थे और इसकी चर्चा सम्पूर्ण भारत में होती रही है। उन्हें भारत का तृतीय सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी विभूषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इनके प्रशंसक हैं।

यदि हुकुमदेव नारायण यादव को उप राष्ट्रपति बनाया जाता है तो यह मिथिला समेत पूरे बिहार और भारतीय देशज संस्कृति के लिए गौरव की बात होगी।