केन्द्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस : ललन कुमार
राजकुमार यादव
पटना / केन्द्र के एनडीए सरकार के शिक्षा, रोजगार, एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जननायक राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे देश में युवाओं से संवाद किया जा रहा है। शिक्षा, नौकरी अब केवल आजीविका का माध्यम नहीं बल्कि जीवन की स्थिरता, समाज में प्रतिष्ठा और मानसिक संतुलन का आधार बन गई है। युवाओं को रोजगार की तरफ बढ़ता केवल आर्थिक असमानता ही नहीं नीतिगत असंतुलन का परिणाम है जो केन्द्र सरकार नौकरियों में भारी कटौती कर रही है और निजी क्षेत्र में असुरक्षा व्याप्त है जिससे भारतीय युवाओं में सरकार के प्रति भारी आक्रोश है और अविश्वास का बीज वो रहे हैं। ये बाते अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी बिहार प्रदेश इकाई के पूर्व युवा अध्यक्ष सह सुल्तानगंज के पूर्व प्रत्याशी ललन कुमार ने युवाओं के बीच कांग्रेस द्वारा चलाई जा रही शिक्षा, न्याय संवाद कार्यक्रम में कही।उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने सकारात्मक कार्रवाई करते हुए पिछड़ों, दलितों अल्प संख्यकों के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की थी। मण्डल आयोग के सिफारिशें के आधार पर शिक्षा व नौकरियों में पिछड़ों को आरक्षण दी गई। अब समय आ गया है कि देश में जातीय जनगणना कराकर जिनकी जितनी संख्या उतनी आरक्षण की व्यवस्था जानी चाहिए और 50 प्रतिशत की बैरियर तोड़कर उन आंकड़े को आधार बनाकर आरक्षण की सीमा बढ़ना चाहिए। बिहार में महागठबंधन की सरकार में जातीय गणना कराई गई थी।
जातीय गणना के प्राप्त आंकड़ों के आधार पर आरक्षण के सीमा को 47 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया था। शिक्षा और नीति पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है एक ओर जहां सरकार नई शिक्षा नीति लागू कर रही हैं वहीं दूसरी ओर सवाल उठ रहा है कि क्या शिक्षा और रोजगार कोई सीधा रिश्ता बचा भी है। अगर करोड़ों शिक्षित यूवाओ को ग्रुप डी बनने के लिए मजबूर होना पड़े तो यह केवल उनका ही नहीं देश की नीतियों का पराजय है यह भर्ती देश के युवाओं की मजबूरी सबसे करारी तस्वीर उभर कर सामने आई है। आज बेरोजगारों का पलायन स्वाभाविक है।

