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जिलाधिकारी ने नगर भवन में शारदीय (खरीफ) महाअभियान 2025 का किया शुभारंभ

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नगर भवन मधुबनी में कृषि विभाग के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में शारदीय,( खरीफ) महाअभियान 2025 का शुभांरभ जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिक के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया ।इस अवसर पर जिला पदाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने अपने संबोधन कहा कि इस महाअभियान का मुख्य उद्देश्य में किसानों को वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकों से खेती करने के लिए प्रेरित करना है। जिला पदाधिकारी ने सभी किसान भाइयों से अनुरोध किया कि वह अपने-अपने घरों के लिए पीएम सूर्य घर योजना का लाभ अवश्य उठाएं। उन्होंने कहा कि पानी का जो ग्राउंड का लेवल है वह गर्मी के समय में नीचे चला जाता है । उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सोखता निर्माण, रैन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण जरूर करवाए ।
IMG 20250522 WA0030 जिलाधिकारी ने नगर भवन में शारदीय (खरीफ) महाअभियान 2025 का किया शुभारंभउन्होंने कहा कि वर्तमन में सरकार की तरफ से दो महत्वपूर्ण अभियान चलाए जा रहे हैं पहला डॉक्टर अंबेडकर समग्र सेवा अभियान चल रहा है जिसमें कृषि विभाग से संबंधित आवेदन आते है एवं जीविका के द्वारा महिला संवाद में भी बहुत सारे आवेदन कृषि विभाग से संबंधित आते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित जिला कृषि पदाधिकारी आवेदनों में प्राप्त समस्याओं का प्राथमिकता से निष्पादन करने का निर्देश दिया । उन्होंने कहा कि खरीफ महा अभियान सरकार द्वारा संचालित एक विशेष कृषि कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य खरीफ (बरसात) मौसम में कृषकों को वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकों से खेती करने के लिए प्रेरित करना, आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना तथा उत्पादकता और किसान की आय को बढ़ाना होता है। यह अभियान आमतौर पर मई-जून महीने में प्रारंभ होता है, जब खरीफ की बुवाई की तैयारी शुरू होती है।

खरीफ महा अभियान का उद्देश्य:

1. कृषकों को उन्नत बीज, उर्वरक, और कृषि यंत्रों की जानकारी और उपलब्धता कराना।
2. मृदा स्वास्थ्य परीक्षण (Soil Health Card) के आधार पर उर्वरकों का संतुलित उपयोग।
3. पानी की एक-एक बूंद का अधिकतम उपयोग (More crop per drop)।
4. कृषि विविधीकरण को प्रोत्साहित करना – जैसे दलहन, तिलहन, मोटे अनाज आदि।
5. कृषि संबंधित योजनाओं की जानकारी देना, जैसे- फसल बीमा योजना, पीएम-किसान, ई-नाम आदि।
6. समूह आधारित विस्तार प्रणाली को बढ़ावा देना (जैसे एफपीओ, किसान समूह)।
7. जलवायु अनुकूल खेती एवं टिकाऊ कृषि प्रणाली को अपनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित करना।
उक्त अवसर पर सहायक समाहर्ता,मंगलानंद झा, जिला कृषि पदाधिकारी ललन चौधरी, परियोजना निर्देशक आत्मा,वरीय वैज्ञानिक -सह – प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र, बेनीपट्टी,डॉ राहुल सिंह राजपूत, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, सुखेत आदि कई पदाधिकारी उपस्थित थे।