बीर जवानों के सम्मान में तिरंगामय हुआ मधुबनी
प्रदीप कुमार नायक
स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार
आँपरेशन सिंदूर की जबरदस्त कामयाबी और भारतीय सेना के पराक्रम का साहसी कदम के चलते पाकिस्तानी आकाओं एवं आतंकियों को उनकी औक़ात बता देने हमारे वीर जवानों के सम्मान में मधुबनी टाउन क्लब के मैदान से भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई l
इस कार्यक्रम में अपना पक्ष रखते हुए राजनगर के स्थानीय विधायक एवं पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहाँ कि आँपरेशन सिंदूर की सफलता हमारे वीर जवानों के शौर्य, पराक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व के सम्मान में हमलोग तिरंगा यात्रा निकाल रहे है और पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगा रहे है लिए भारत शांति का देश है, हमलोग सभी का सम्मान करते हैँ ।
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा— “आतंकवाद और व्यापार-वार्ता एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते”, तो उन्होंने न केवल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के उद्देश्य को स्पष्ट किया, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों की भावी दिशा भी तय कर दी। अब पाकिस्तान प्रायोजित किसी भी आतंकी हमले का जवाब भारत मोमबत्तियां जलाकर, तख्तियां उठाकर जुलूस निकालने, सबूतों के आदान-प्रदान, साझा जांच के पाखंड या ‘कड़ी निंदा’ और ‘सख्त विरोध’ जैसे खोखले जुमलों से नहीं, बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक, तोप के गोलों, ब्रह्मोस जैसी घातक मिसाइलों और अन्य निर्णायक प्रहारों से देगा। दोनों देशों के बीच व्यापार पर पूर्ण विराम, पाकिस्तानी नागरिकों के भारत आने पर प्रतिबंध और सिंधु जल संधि का स्थगन— निकट भविष्य और दीर्घकाल में भी भारत-पाकिस्तान के रिश्ते नए आयामों से परिभाषित करेंगे।
भाजपा के बीस सूत्री अध्यक्ष एवं समाज सेवा में सक्रिय भूमिका निभाने वाले मृतुन्जय कुमार कुंदन ने बताया कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ नए भारत की जीरो टाँलरेंस नीति के प्रतिक आँप रेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता के उपलक्ष्य में जनता जनार्दन के साथ भारतीय सेना के वीर जवानों के शौर्य के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त किया गया ।
अब यह इतिहास है। विगत 11 वर्षों में—ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील जम्मू-कश्मीर और कुछ माओवाद-प्रभावित जिलों को छोड़कर—शेष भारत में किसी भी बड़े आतंकी हमले की घटना लगभग नगण्य रही है। यह तुलनात्मक शांति उस नीति-परिवर्तन का परिणाम है, जिसे वर्तमान भारतीय नेतृत्व ने आतंकवाद और उसके पोषकों—देश के भीतर और बाहर दोनों—के प्रति अपनाया है। 2016 में उरी और 2019 में पुलवामा के आतंकवादी हमलों के प्रतिकारस्वरूप भारत ने बिना पूर्व चेतावनी के सर्जिकल स्ट्राइक कर अपने शत्रुओं को चौंकाया था। किंतु इस बार भारत ने न केवल अपनी रणनीतिक मंशा स्पष्ट की, बल्कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से और बिना किसी लाग-लपेट के दोषियों को दंडित करने की दृढ़ प्रतिज्ञा व्यक्त की है, जिसका मूर्त रूप सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है। प्रधानमंत्री मोदी का ठीक ही कहना है— “शांति का मार्ग शक्ति से होकर जाता है”।
भाजपा में जिला स्तरीय नेतृत्व कर्ता एवं समाजसेवी श्रवण साह राष्ट्रवादी कहते हैं कि आँपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता पर भाजपा के कार्यकर्त्ता द्वारा शहर के टाउन क्लब मैदान से विशाल पैदल मार्च तिरंगा यात्रा निकाला गया l जो देश के जवानों के प्रति एक सम्मान की बात हैं l
स्वाभाविक प्रश्न है कि क्या अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद समाप्त हो जाएगा?—शीघ्र नहीं। यह लड़ाई लंबी चलेगी। वर्ष 1971 में भारतीय नेतृत्व ने गृहयुद्ध के शिकार पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटकर बांग्लादेश को जन्म दिया था। फिर भी पाकिस्तान की भारत-हिंदू विरोधी मानसिकता में कोई परिवर्तन नहीं आया। उसने सीधे युद्ध के स्थान पर आतंकवादियों के माध्यम से भारत के खिलाफ छद्म युद्ध शुरू कर दिया। विश्व में भारत की ही भांति इजराइल भी अपने जन्म से ही ‘काफिर-कुफ्र’ अवधारणा से प्रेरित मजहबी जुनून और घृणा का शिकार रहा है। पिछले 77 वर्षों में शायद ही कोई दिन ऐसा गया हो, जब इज़राइल को आतंकवाद से जूझना नहीं पड़ा हो। इसमें 1967 का वह काल भी शामिल है, जब उसने अपने अस्तित्व की रक्षा हेतु एक साथ पांच अरब देशों के विरुद्ध सफलतापूर्वक छह दिवसीय युद्ध लड़ा था। 7 अक्टूबर 2023 को फिलीस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने इजराइल में बर्बरता दिखाते हुए 1200 निरपराधों की हत्या की और 250 से अधिक नागरिकों का अपहरण कर लिया। इस दुस्साहस के विरुद्ध इजराइल पिछले डेढ़ वर्ष से हमास, हिजबुल्ला, हूती जैसे जिहादी संगठनों का समूल नाश करने हेतु बहुआयामी युद्ध लड़ रहा है। भारत को ऐसे ही संकल्प के साथ आतंकवादी हमलों के खिलाफ लड़ने हेतु तैयार रहना होगा।
भाजपा के महिला मोर्चा से जुडी समाज सेवी मीनाक्षी उर्फ़ लक्खी श्रीवास्तव कहती हैं कि आँपरेशन सिंदूर की जबरदस्त कामयाबी और भारतीय सेना के पराक्रम का साहसी कदम के चलते पाकिस्तानी आकाओं और आतंकियों को उनकी औकात बता देने हमारे वीर जवानों के सम्मान में मधुबनी में भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई ।
पाकिस्तान कोई प्राकृतिक, ऐतिहासिक अथवा भूगोलजन्य कारणों से बना देश नहीं है। यह वास्तव में एक कृत्रिम राष्ट्र है, जिसे 1947 पूर्व भारतीय मुस्लिम समाज के एक बड़े वर्ग ने वामपंथियों और ब्रितानियों के सहयोग से आकार दिया था। इसकी संरचना स्वयं विरोधाभासों की शिकार है। ‘सच्चा मुसलमान’ सिद्ध होने की होड़ में शिया, सुन्नी और अहमदिया एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। ‘तहरीक-ए-तालिबान’ जैसे आतंकी संगठन सैकड़ों हमले कर हजारों पाकिस्तानी नागरिकों-सैनिकों को इसलिए मार रहे हैं, क्योंकि वे उनके अनुसार ‘खालिस शरीयत’ नहीं अपनाते। बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध में पाकिस्तान-विरोधी अलगाववाद तेजी से अपनी जड़ें जमा रहा है। बलूचिस्तान में विद्रोहियों ने इस वर्ष मार्च से अब तक 300 से अधिक पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों को मारने का दावा किया है।
इस तिरंगा यात्रा में स्वर्णिम गुप्ता, मीडिया प्रभारी मनोज मुन्ना, फेकू यादव, सुजीत पासवान सहित हजारों लोग मौजूद थे ।