पंचायत सचिवों को मिलने जा रहा बिग पावर .नीतीश सरकार का यह फैसला
बिहार की ग्राम पंचायतें और भी सशक्त होने जा रहीं हैं।इसके लिए नीतीश सरकार ने एक बड़ी रणनीति तैयार की है जिससे आम जनता के लिए बहुत बड़ी सुविधा पंचायत में ही मिलने लगेगी।इसके तहत अब ग्राम पंचायतों में भी अब जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा सकेंगे।इस कार्य की जिम्मेदारी पंचायत सचिव को सौंपी जाएगी।
जानकारी के अनुसार इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है और इस संबंध में अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय की ओर से पहल शुरू की गई है। पंचायत सरकार भवन में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अलग से काउंटर पर विचार किया जा रहा है।
आवेदन पंचायत सरकार भवन में ही जमा किये जा सकेंगे और सत्यापन के बाद प्रमाण पत्र निर्गत किए जाएंगे
। ये सर्टिफिकेट पंचायत सचिव के स्तर से जारी किए जा जाएंगे। इससे आम लोगों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रखंड कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। ट्रायल के तौर पर प्रदेश की सभी पंचायतों में ग्राम विकास शिविर लगने जा रहे हैं। इसमें जिन बच्चों को अभी तक जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है इसे अभियान के तौर पर किया जा रहा है।
बता दें कि पहले प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के स्तर से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की व्यवस्था थी। अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय ने पाया है कि इससे आम लोगों को दिक्कतें हो रही हैं और प्रखंड कार्यालय जाने की मजबूरी होती है। ऐसे में कार्यालय में कार्यभार भी अधिक हो जा रहे हैं लोगों की भीड़ भी अधिक हो जा रही है। साथ ही आम जनता परेशान होती है।ऐसे में सरकार ने यह फैसला लिया कि अब यह काम पंचायत में ही हो पाएगा।
ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव बनाएंगे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र
यह व्यवस्था तीन स्तरों पर होगी। जन्म के 30 दिन के अंदर बच्चों का पंचायत सचिव प्रमाण पत्र जारी करेंगे। वहीं, जन्म के एक महीने से एक साल के भीतर प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी की अनुशंसा पर और जन्म के एक साल के बाद बच्चों का प्रखंड विकास पदाधिकारी यानी बीडीओ की अनुशंसा पर प्रमाण पत्र जारी किये जाएंगे।
निदेशक अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय विद्यानंद सिंह ने बताया है कि पंचायत स्तर पर जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के बनाने के लिए पंचायत सचिव को जिम्मेदारी सौंपने की दिशा में काम चल रहा है।सांख्यिकी निदेशालय की ओर से इस संबंध में निर्णय ले लिया गया है और इसकी स्वीकृति के बाद राज्य सरकार को जल्द भेजा जाएगा।

