बिहार

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा – बालू का अवैध खनन बर्दाश्त नहीं ।। 2. आने वाले वर्ष में पांच करोड़ दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का है लक्ष् ।।3.राशन कार्डधारियों के लिए अनिवार्य आधार सीडिंग की अंतिम तिथि 30 जून तक

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बिहार सरकार ने सुनहरे बालू के काले कारोबार पर नकेल कस दी है। अब इसके सकारात्मक नतीजे भी दिखने लगे हैं। राज्य सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में बालू खनन से प्राप्त होने वाले राजस्व की वसूली में एक नया कीर्तिमान बनाया है। विगत वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 के लिए निर्धारित राजस्व लक्ष्य से करीब 14 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है।

3569 करोड़ रुपये राजस्व की हुई वसूली

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विभाग ने कुल 3500 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया था। जबकि इसके विरुद्ध विभाग ने कुल 3569 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली की है। उन्होंने कहा कि अब राज्य में पीले और सफेद बालू का अवैध खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि यह राशि विभाग द्वारा निर्धारित राजस्व लक्ष्य से 14 प्रतिशत अधिक है, जो पिछले पांच वर्षों में एक नया रिकॉर्ड है। विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह तब संभव हो सका है, जब बिहार सरकार ने पिछले साल अक्टूबर 2024 में राज्य में नई खनन नीति लागू की है, जिससे राज्य में न केवल बालू के अवैध उत्खनन पर रोक लगी है बल्कि बालू की अवैध ढुलाई और परिवहन पर भी लगाम कसा है।

इस संवाददाता सम्मेलन में खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव नर्मदेश्वर लाल और विभाग के निदेशक विनोद दूहन भी मौजूद थे। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि राजस्व वसूली का यह लक्ष्य तब संभव हो सका है, जब बालू खनन में शामिल 25 प्रतिशत से भी अधिक संवेदकों ने अपने-अपने घाट सरकार को सरेंडर कर दिए थे। ऐसे बालू घाटों से बालू का खनन नहीं हो सका है।

गोलीबारी और हिंसक घटनाओं पर लगा विराम

उन्होंने स्वीकार किया कि पर्यावरण के सख्त कानून की जटिलताओं के कारण भी कई बालू घाटों से बालू का खनन नहीं हो सका। इसके अलावा सड़कों पर नो इंट्री और जाम के कारण भी की कई समस्याएं आयीं हैं। खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने यह भी दावा किया कि नई खनन नीति के कारण बालू घाटों पर रोज होने वाली गोलीबारी और हिंसा की घटनाओं पर भी विराम लगा है। साथ ही बालू की ओवरलोडिंग पर विराम लगने से राज्य की सड़कों और पुल-पुलियों की स्थिति भी सुधरी है।

सरकार को हुई करोड़ों रुपये की बचत

ओवरलोडिंग से सड़कों और पुल-पुलियों के रख-रखाव में भी सुधार हुआ है और इनकी मरम्मत पर खर्च होने वाले करोड़ों रुपये की सरकार को बचत हुई है। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नई खनन नीति के प्रावधान में सभी खनिज विकास पदाधिकारियों को मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान की गई हैं। साथ ही बालू के अवैध खनन, ढुलाई, परिवहन और भंडारण की सूचना देने वालों के लिए पुरस्कार की घोषणा ने भी विभाग का काम आसान किया है।

 

2.आने वाले वर्ष में पांच करोड़ दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का है लक्ष्

 

बिहार में वर्ष 1908 से लेकर वर्ष 1990 तक कुल पांच करोड़ निबंधित दस्तावेजों को डिजिटाइज किया जाना है, जिसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है। वर्ष 1995 से 2025 तक कुल 2.34 करोड़ निबंधित दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा किया जा चुका है। इससे लोगों को अब जमीन और मकान के दस्तावेजों को ऑनलाइन देखने में सुविधा मिल जाएगी|

इसके साथ ही निबंधन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व लक्ष्य का 102 प्रतिशत हासिल किया है| बीते वर्ष लक्ष्य 7 हजार, 500 करोड़ रुपए था। जिसके विरुद्ध कुल 7 हजार, 648.88 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह लक्ष्य 7 हजार करोड़ रुपए निर्धारित था। जिसके विरुद्ध कुल 6 हजार, 170.91 रुपए की प्राप्ति हुई थी। विगत वित्तीय वर्ष की तुलना में राजस्व की प्राप्ति में 24 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में निबंधित दस्तावेजों की कुल संख्या 17 लाख, 51 हजार, 510 रुपए है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व संग्रहण का निर्धारित लक्ष्य 8 हजार 250 करोड़ रुपए है।

ई-निबंधन सॉफ्टवेर

राज्य सरकार ने आमजन की सुविधा के लिए “ई-निबंधन” सॉफ्टवेयर भी लांच किया है। इससे लोग घर बैठे निबंधन के लिए आवेदन, अपडेट की स्थिति, जमीन की श्रेणी, देय शुल्क और ई-केवाइसी कर सकेंगे। निबंधन प्रक्रिया पेपरलेस करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चार कार्यालयों में काम चालू है। इससे पक्षकारों को दस्तावेज तैयार करने और उसे स्कैन करने से छुटकारा मिल गया है| विभाग की ओर से सभी पदाधिकारियों को निबंधन के लिए लैपटॉप दिया गया है।

नया निबंधन कार्यालय
राज्य में फिलहाल कुल 140 निबंधन कार्यालय कार्यरत हैं। जिसमें राज्य के सभी 38 जिलों में निबंधन कार्यालय के साथ-साथ कुल 102 अवर निबंधन कार्यालय काम कर रहे हैं। वर्ष 2025 में कुल तीन नए निबंधन कार्यालय वीरपुर (सुपौल), सोनवर्षा (सहरसा) और पालीगंज (पटना) बनाए गए है।

ई-स्टाम्प
विभागीय सॉफ्टवेर से सभी निबंधन कार्यालयों में ई-स्टाम्प की बिक्री को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से की जा रही है। निबंधन कार्यालयों में फ्रैंकिंग मशीन से एक हजार रूपए तक के गैर न्यायिक मुद्रांक निर्गत कर उसकी बिक्री की जा रही है। उच्च न्यायालय और राज्य के सभी 60 व्यवहार न्यायालयों में भी ई-कोर्ट फीस की बिक्री की जा रही है।

 

3.राशन कार्डधारियों के लिए अनिवार्य आधार सीडिंग की अंतिम तिथि 30 जून तक

पटना/खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग बिहार सरकार ने राशन कार्डधारियों के लिए अनिवार्य अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। इससे कार्डधारियों को काफी लाभ मिलेगा। इससे पहले आधार सीडिंग करने की अंतिम तिथि 31 मार्च तक अनिवार्य की गई थी। अब इसे बढ़ाकर 30 जून 2025 कर दिया गया है।

राशन कार्ड धारकों को मिली राहत

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लक्षित जन वितरण प्रणाली के राशन कार्ड में अंकित प्रत्येक सदस्य के लिए 31 मार्च 2025 तक आधार सीडिंग अनिवार्य की गई थी। भारत सरकार द्वारा राशन कार्ड में अंकित प्रत्येक सदस्य के लिए 30 जून 2025 तक आधार की अनिवार्य सीडिंग के लिए अवधि का विस्तार किया गया है।

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने जारी की सूचना

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने सूचना जारी कर सभी राशन कार्डधारियों से अनुरोध किया है कि अपने राशन कार्ड में अंकित प्रत्येक सदस्य की आधार सीडिंग 30 जून 2025 तक अनिवार्य रूप से करा लें। इसके लिए प्रत्येक सदस्य किसी भी लक्षित जन वितरण प्रणाली विक्रेता की दुकान पर संधारित ईपीओएस यंत्र के माध्यम से निःशुल्क आधार सीडिंग (ईकेवाईसी) करा सकते हैं।

अगर किसी राशन कार्ड में अंकित किसी भी सदस्य की आधार सीडिंग 30 जून तक नहीं की जाती है तो ऐसे सभी सदस्यों के नाम राशन कार्ड से 1 जुलाई 2025 के प्रभाव से विलोपित करने की कार्रवाई की जाएगी और ऐसे सदस्यों के विरूद्ध खाद्यान्न का लाभ लाभुक परिवार को नहीं दिया जाएगा।