बड़ी खबर// दुष्कर्म के मामले में डीएसपी हिरासत में भेजे गए जेल
भागलपुर व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार की अदालत ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में दुष्कर्म के मामले में आरोपित मुख्यालय डीएसपी सोमेश कुमार मिश्रा को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
यह फैसला तब लिया गया जब डीएसपी मिश्रा न्यायालय में कई तिथियों से अनुपस्थित रहे, जिसके चलते उनका बेल बॉन्ड रद्द कर उनके विरुद्ध वारंट जारी किया गया था।
इसके बाद भी उनकी उपस्थिति सुनिश्चित नहीं हो पाई, जिसके चलते सूचक की तरफ से आपराधिक मामलों के वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा ने कोर्ट में डीएसपी के प्रभाव की जानकारी दी और मामले को डीजीपी के संज्ञान में लाया। पुलिस की सख्ती के बाद मंगलवार को डीएसपी सोमेश ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया।
कोर्ट में आरोपित की तरफ से दलील दी गई कि वह गया में डीएसपी हैं और पितृपक्ष मेले में ड्यूटी रहने के कारण कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाए, लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय का मूल्यवान समय कई तिथियों में बर्बाद हो रहा था।
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद डीएसपी को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया। इस मामले में आरोप गठन की कवायद 17 फरवरी 2025 को पूरी की जानी है।
दुष्कर्म का आरोप और गिरफ्तारी
अपनी एक करीबी युवती से दुष्कर्म करने के आरोप में बतौर प्रशिक्षु डीएसपी सोमेश मिश्रा के विरुद्ध 20 मार्च 2020 को भागलपुर महिला थाने में केस दर्ज कराया गया था। उस केस में सोमेश को झारखंड के साहेबगंज से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि वह पीड़िता से लगातार यौन शोषण कर रहा था।
तत्कालीन सिटी एएसपी पूरण कुमार झा की निगरानी में तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने आरोपित प्रशिक्षु डीएसपी को साहिबगंज रेलवे क्वार्टर से गिरफ्तार कर लिया था। आरोपित मूल रूप से झारखंड के गोड्डा का रहने वाला है।
दिल्ली में यौन शोषण और ब्लैकमेल
पीड़ित लड़की ने पुलिस को बताया कि जब सोमेश दिल्ली में था, तभी उसने उसे पास बुलाया था। वहां उसके साथ गलत काम किया और उसकी वीडियो बना ली। उसी के सहारे ब्लैकमेल कर रहा था। वह उसी का सहारा लेकर उसका यौन शोषण कर रहा था। दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता की शादी हो गई और वह जॉब कर रही है।
तब सोमेश वहां भी उसे धमकी देने के लिए पहुंच गया था। डीएसपी सोमेश की हरकतों से तंग आकर पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस मुख्यालय स्तर से इसकी जांच कराई गई, जिसमें आरोप सत्य पाए गए।
पुलिस मुख्यालय ने सोमेश को निलंबित कर दिया था। तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती ने तब पीड़िता की गुहार सुन डीएसपी के विरुद्ध सख्त कदम उठाया था।

