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ई शिक्षा कोष पोर्टल के आंकड़े चौकाने वाले ,अधिकारी परेशान तीन दिनों के अंदर सुधार करने का आदेश

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बिहार में शिक्षा विभाग हमेशा चर्चा में रहा, कभी अधिकारियों के कारण तो कभी शिक्षकों कारण अब ई-शिक्षा कोष पोर्टल शिक्षा विभाग के लिए सिर दर्द बना गया है।पोर्टल में दर्ज आंकड़ों को देखकर शिक्षा विभाग के अधिकारी हैरान और परेशान हैं। शिक्षा विभाग को पांच लाख 26 हजार छात्र-छात्राओं की जन्मतिथि उनकी कक्षा के अनुरूप सही नहीं लग रही है। साढ़े चार लाख बच्चों के बैंक खाते ऐसे पाए गए हैं, जो एक से अधिक के नाम के सामने दर्ज हैं और तो और ढाई हजार बच्चों के माता-पिता का नाम एक ही दर्ज कर दिया गया है। विभागीय मुख्यालय से सभी जिलों के शिक्षा विभाग के अफसरों को फरमान जारी हुआ है कि तीन दिनों के अंदर इन गड़बड़ियों को दुरुस्त किया जाए।

तीन दिनों में सही करने का आदेश

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये लापरवाही का मामला है।यही कारण है कि निचले स्तर पर शिक्षकों और स्टाफ की लापरवाही से एक के बाद एक नई कठिनाई सामने आती रहती है।शिक्षा विभाग ने अब राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 10 लाख से ऊपर बच्चे-बच्चियों की जन्मतिथि समेत कई महत्वपूर्ण जानकारियों के डेटा में गड़बड़ी पकड़ी है। शिक्षा विभाग में डेटा में इस तरह की त्रुटियों से हड़कंप मच गया है । राज्य मुख्यालय से सभी जिलों को इस डेटा की तमाम विसंगतियों को ठीक करने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है।

दस लाख 29 हजार बच्चों का डेटा गड़बड़

मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर राज्य के दस लाख 29 हजार छात्र-छात्राओं के दर्ज आंकड़ों में त्रुटियों को पकड़ा है। विभाग ने इन त्रुटियों को तीन दिनों में दूर करने का निर्देश जिलों को दिया है।विभाग ने जिले के अधिकारियों को तीन दिनों की मोहलत देते हुए कहा है कि लाभुक आधारित योजनाओं के लिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों की उपस्थिति से संबंधित जो आंकड़े पोर्टल पर दर्ज किये गये हैं, उनमें कई त्रुटियां पाई गई हैं. बहरहाल बिहार में शिक्षा विभाग की समस्याओं का कोई अंत ही नहीं है ।