बिहारस्वास्थ्य

निजी अस्पताल में 25 वर्षीया प्रसूता की मौत ने स्वास्थ्य विभाग के कागजी कार्रवाई पर प्रश्नचिह्न खड़ा

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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सुपौल जिले के छातापुर मुख्यालय बाजार स्थित अवैध निजी हॉस्पिटल में बीती रात ऑपरेशन के बाद एक 25 वर्षीया प्रसूता की हुई मौत ने स्वास्थ्य विभाग के कागजी कार्रवाई पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। सीएचसी छातापुर से दलालों के द्वारा निजी अस्पताल पहुंचाई गई प्रसूता आखिकार असमय काल के गाल में समा गई। मृतका पूर्व से दो बच्चे की मां थी, जबकि एक नवजात को मां का दूध भी नसीब नहीं हुआ।

मृतका के पति 30 वर्षीय मुकेश कुमार की हालत इस कदर दयनीय है कि छोटे-छोटे बच्चे का लालन पालन उसके लिए पहाड़ साबित हो रहा है। बूढ़ी दादी सजिया देवी जैसे तैसे बच्चों को संभालने में लगी हैं। समाज के लोग प्रसूता कंचन कुमारी के मरने के बाद परिवार की हालत देखकर स्तब्ध हैं।

सुशीला हॉस्पिटल में कार्यरत कर्मियों की कारस्तानी का फल भुगतने के लिए मजबूर पीड़ित परिवार उन्हें कोसने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। ऊपर से निजी अस्पताल संचालक एवं चंद उनके सहयोगी की दबंगई ऐसी की डेढ़ लाख में परिवार का चैन छीन लिया। पूर्व से समाचार पत्रों में अवैध नर्सिंग होम के संचालन को लेकर लगातार आगाह किया जाता रहा, इसके एवज में स्वास्थ्य महकमा ने सिर्फ कागजी खानापूर्ति की। साल भर में दो तीन महीने के अंतराल पर ऐसे निजी अस्पताल संचालकों को कागजी नोटिस भेजकर बंद करने के लिए धमकी दी जाती है, लेकिन शाम ढलते ही अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार की बैठकी ऐसे ही लोगों के साथ लगती है, जो यह बताने के लिए काफी है कि संदर्भ में महज कागजी खानापूर्ति की जा रही है।

हाल ही में सीएचसी प्रबंधन ने पत्रांक 701 जारी कर सिविल सर्जन सुपौल को एक सूची थमाई जिसमें छातापुर में संचालित अवैध निजी अस्पतालों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया। उक्त पत्र को कुछ को बंद करने का निदेश दिए गए बताए गए तो किसी को बंद बताकर विभाग के आंख में धूल झोंका गया। जबकि हकीकत यह है कि सभी अस्पताल पूर्व की भांति संचालित है और कई ऐसे हैं जिनका नाम सूची से बाहर है। बावजूद विभाग के वरीय पदाधिकारी उक्त दशा पर ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।

पूछने जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नवीन कुमार ने बताया कि उक्त निजी अस्पताल अवैध है, उक्त अस्पताल में एक प्रसूता की मौत होने का मामला संज्ञान में आया है, मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।