साकारात्मक बदलाव हमें बेहतर इंसान एवं सभ्य समाज बनने में सहायक होंगे : न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद
राजकुमार यादव
पटना /अखिल भारत वर्षीय यादव महासभा बिहार के नवगठित प्रदेश ईकाई कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक शास्त्री नगर पटना में आयोजित की गई । जिसकी अध्यक्षता अभा यादव महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ गोरेलाल यादव ने की तथा संचालन प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व विधायक डॉ विनोद कुमार यादवेंदु ने की।
आगत अर्थियों का स्वागत भाषण महासभा के महासचिव अधिवक्ता केपी यादव ने की। कार्यकारिणी सभा को सम्बोधित करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग के पूर्व सदस्य -सह- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि समतामूलक एवं समरस समाज के निर्माण में यादव समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ,आधुनिकता के दौर में अति महत्वाकांक्षा और ज्वलंतशील प्रबृत्ति ने समाज में भेदभाव पैदा कर दिया है। जिससे समाज संक्रमण काल से गुजर रहा है ।इससे बचने के लिए गीता का ज्ञान होना जरूरी है, क्योंकि संक्रमण काल से छुटकारा पाने के लिए गीता रुपी ज्ञान, बौद्धिक कौशल, शिक्षा , नवाचार एवं साकारात्मक सोच के साथ विमर्श की जरूरत है।
यादव महासभा भले एक शताब्दी पुरा कर लिया हो लेकिन इसका इतिहास हजारों साल पुरानी है। दुसरे को सुरक्षा प्रदान करने हेतु अपने आपको को मजबूत बनाना होगा , तभी हम दुसरे को सुरक्षा दे पायेंगे। युवाओं एवं महिलाओं को अपने देश के प्रगति में ठोस योगदान देने की क्षमता विकसित करने की जरूरत है। तभी साकारात्मक बदलाव हमें बेहतर इंसान बनने और स्वच्छ एवं सभ्य समाज बनाने में सहायक होंगे। बीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष- सह- पूर्व कुलपति डॉ रामाश्रय सिंह यादव ने महासभा पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि देश के अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने एवं नवनिर्माण में यादव समाज की महत्वपूर्ण भूमिका रही है चाहे वह समाजसेवा, प्रशासन एवं अन्य विकासात्मक कार्यों से जुड़कर अतुलनीय कार्य करते रहे हैं। वह अपनी मेहनत श्रमशक्ति, लगनशील एवं ईमानदारी पूर्वक कर्तव्य का पालन करते हुए आर्थिक विकास में बेहतर सराहनीय योगदान दिया है।
उनका लक्ष्य देश के अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ व मजबूत बनाने में मिला है। अगर यादव समाज संसाधन के सदुपयोग, पूंजी निवेश, तकनीकी का विकास, संस्थागत परिवर्तन का तालमेल, वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर विकास माडल बनाईं जायें तो उनकी उपयोगिता आने वाले समय में सार्थक होंगी। पूर्व आईएएस अधिकारी रायबहादुर सिंह यादव ने कहा कि यादव समाज आबादी का सबसे जीवंत और संसाधन पूर्ण हिस्सा है इनकी समाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास के सशक्तिकरण में योगदान रहा है। गरीबी से बाहर आने एवं आजीविका विकास के लिए उनकी आंतरिक क्षमताओं को बाहर लाना चुनौतिपूर्ण कार्य है पूर्व आईएएस अधिकारी ओमप्रकाश यादव ने कहा कि यादव समाज संक्रीण दायरे से उबर कर अपनी मानव सभ्यता- संस्कृति एवं गौरवशाली इतिहास को अक्षुण्ण बचाये रखने में बहुमूल्य योगदान दे।
समाज की चुनौतियों को समझने एवं उनके मुताबिक आगे ले जाने में साहसिक प्रयास करें। क्योंकि युवाओं एवं नवजवानों की क्षमता और विवेक पर पूरा भरोसा है । केवल युवाओं को आगे लाने की जरूरत है। महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रुबी यादव ने कहा कि समाज में महिलाओ में शिक्षा का विकास से महिला सशक्तिकरण होगी और संगठन मजबूत होगा । प्रो रुपम यादव ने कहा कि हमारे समाज के महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी शंखनाद कर अपने प्राणों की आहुति दी उनकी योगदान को भूलाया नहीं जा सकता। अध्यक्षीय संबोधन में नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ गोरेलाल यादव ने कहा कि समाज में आमजन की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनकर सुलझाने का काम करें। समाज में एकजुटता प्रदान कर विकट से विकट परिस्थितियों में संवाद कायम रखें। संवाद से बिखराव रुकतीं है और दूरियां कम होती है।
उपस्थित लोगों में प्रो चंद्रजीत यादव, ब्रजेश विभू, कैलाश यादव, सच्चिदानंद प्रसाद, डॉ प्रो अनील कुमार, अरविंद अमर, डॉ उदय प्रताप यादव, रामचंद्र यादव, डॉ राधे रत्न यादव, डॉ महेंद्र सिंह, सुरेश प्रसाद इत्यादि भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

