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महाकुंभ में मॉडल को रथ पर बैठाने पर भड़के संत ,धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है

बिहार हलचल न्यूज ,जन जन की आवाज
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यूपी /प्रयागराज महाकुंभ में पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाने को लेकर विवाद छिड़ गया है। शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा- यह उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ।

बतादे कि 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं।स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा- संतों को दिखावा नहीं करना चाहिए।

मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना

पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था।

इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं।तस्वीर निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के समय की है। हर्षा रिछारिया रथ पर सवार हैं।

भक्ति-ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं

हर्षा ने बताया- भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं है। मैंने अपनी पुरानी तस्वीरों के बारे में भी स्पष्ट किया है। अगर मैं चाहती तो उन्हें डिलीट कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। यह मेरी यात्रा है। मैं युवाओं को बताना चाहती हूं कि किसी भी मार्ग से आप भगवान की ओर बढ़ सकते हैं।

 

मैं अपने इस फैसले से खुश हूं

हर्षा ने बताया- मैं गुरुदेव से डेढ़ साल पहले मिली थी, जिन्होंने मुझे बताया कि भक्ति के साथ-साथ अपने काम को भी संभाला जा सकता है। मगर मैंने खुद से फैसला लिया कि मैं अपने पेशेवर जीवन को त्याग दूंगी और पूरी तरह से भक्ति में लीन रहूंगी। मैं अपने इस फैसले से खुश हूं।

हर्षा मूलरूप से मध्यप्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन उत्तराखंड में रहती हैं। वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक धारण करती हैं।