खुटौना प्रखंड में खुलेआम शराब तस्करी और बिक्री, प्रशासन पर उठ रहे सवाल
गोपाल कुमार की रिपोर्ट
मधुबनी/खुटौना प्रखंड क्षेत्र में यानि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद खुटौना प्रखंड के लौकहा, ललमनियां और आसपास के इलाकों में अवैध शराब तस्करी और खुलेआम बिक्री का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस समस्या ने न केवल प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर किया है, बल्कि उसकी संभावित मिलीभगत पर भी सवाल खड़े किए हैं।
ग्रामीणों के आरोप
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में शराब की तस्करी संगठित तरीके से की जा रही है। रात के समय चार पहिया वाहनों और मोटरसाइकिलों का उपयोग कर शराब पहुंचाई जाती है और छोटे दुकानदारों या एजेंटों के जरिये इसे बेचा जाता है। एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह सब प्रशासन की जानकारी में हो रहा है।
शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं
ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार पुलिस और प्रशासन को शिकायत देने के बावजूद ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इससे तस्करों के हौसले बुलंद हो रहे हैं और अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जब इस विषय पर स्थानीय पुलिस अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “हमें इस मामले की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अक्सर शिकायत करने वालों को ही निशाना बनाता है, जबकि तस्करी में लिप्त लोगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
समाज पर असर
ग्रामीणों का मानना है कि शराबबंदी के बावजूद इस तरह की तस्करी न केवल कानून व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि यह समाज में बढ़ती नशाखोरी को भी बढ़ावा दे रही है।
उच्च अधिकारियों से मांग
ग्रामीणों ने सरकार और उच्च अधिकारियों से मांग की है कि इस समस्या पर तुरंत ध्यान दिया जाए। उनका कहना है कि यदि जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
शराबबंदी के बावजूद ऐसी घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि आखिर प्रशासन और कानून व्यवस्था किस हद तक जिम्मेदार है। ग्रामीण अब कार्रवाई की उम्मीद में हैं।

