मनुस्मृति की प्रतियां जलाई साथ ही अमित शाह का अर्थी भी जलाए अब लोगों में गुस्सा
न्यूज़ डेस्क
मधुबनी/ संविधान आरक्षण बताओ मोर्चा के तत्वाधान में समाहरणालय के सामने भीमराव अंबेडकर प्रतिमा से थाना चौक होते हुए रेलवे स्टेशन के पास मनुस्मृति जलाई गई साथी ही केंद्रीय मंत्री अमित शाह का अर्थी को जलाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता बुद्ध प्रकाश करते हुए कहा कि 25 दिसंबर 1927 को अंबेडकर ने महाराष्ट्र के महाड गांव में मनुस्मृति की प्रतियां जलाया था। भीमराव अंबेडकर के इस कदम पर उच्च जातियों में काफी नाराजगी फैली थी।मनुस्मृति को दलित हमेशा सामाजिक अन्याय के ग्रंथ के रूप में देखते हैं।महाराष्ट्र में नए स्कूली पाठ्यक्रम में एक ऐसे चैप्टर को लेकर विवाद हो गया है इसकी शुरुआत मनुस्मृति के एक श्लोक से हुई। बढ़ती नाराजगी के बाद सरकार ने इसे हटा लिया।मनुस्मृति हमेशा से देश में सामाजिक तौर पर विवादित ग्रंथ माना जाता रहा है। डॉ भीमराव अंबेडकर ने तो इसे जातिवादी और पिछली जातियों के प्रति अन्याय करने वाला बताया था। उन्होंने इसे पिछड़ी जातियों के प्रति अन्याय का प्रतीक मानते हुए जलाया था।
विनय कुमार विक्रांत, बलराम पासवान ,राजकुमार यादव, राजेंद्र यादव, राजेंद्र पासवान, राजेंद्र प्रसाद शाह, राम नरेश पासवान,मनु कुमार राम ,कपिल पासवान, रामाशीष राय, प्रदीप राम ,रमेश पासवान ,अमर कुमार राम ,हीरा पासवान ,आलोक देवराज, आनंद कुमार ,गणेश पासवान, राम प्रसाद पासवान, राजेश पासवान अन्य कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।