बिहार विधानपरिषद् के शीतकालीन सत्र के दुसरे दिन सदन की कार्यवाही टोका टोकी के बीच शुरू
रिपोर्ट – राजकुमार यादव
बिहार विधानपरिषद् के शीतकालीन सत्र के दुसरे दिन सदन की कार्यवाही टोका टोकी के बीच शुरू हुई तथा सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से चलीं डॉ संजीव कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सूबे में अवस्थित खाद्य प्रतिष्ठानों में विक्रय किये जाने वाले पैकेजिंग खाद्य पदार्थों के रैपर पर सामान्य जानकारी जैसे विनिर्माण तिथि, अंतिम उपयोग के तिथि, खाद्य पदार्थों में उपलब्ध अवयवों की सूचनाएं इत्यादि अंकित होती है।खुले में विक्रय किये जाने वाले खाद्य पदार्थों की कार्यरत खाद्य संरक्षा अधिकारियों द्बारा नियमित रूप से संयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला अगमकुंआ पटना तथा एफएसएसएआई नई दिल्ली द्बारा अधिसूचित एनएबीएल मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशाला में करवाई जाती है। आमजनों एवं उपभोक्ताओं को मिलावट रहित गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु खाद्य विनिर्माण इकाइयों एवं विक्रय प्रतिष्ठानों की नियमित जांच की कार्रवाई की जाती है एवं गलत मिलावट युक्त खाद्य पदार्थ पाए जाने के उपरांत नियमानुकूल कार्रवाई की जाती है ।
राज्य के आमजनों एवं उपभोक्ताओं को मानक स्तरीय एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य ,पेय पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार कृत-संकल्प है। वित्तीय वर्ष 2024 -25 में अबतक खुले रुप से विक्रय किये जाने वाले खाद्य पदार्थों के कुल 1975 लीगल,सवे नमूना का संग्रह कर संबंधित प्रयोगशाला में जांच, विश्लेषण कराई गई है। कार्यरत खाद्य संरक्षा अधिकारियों से प्राप्त सूचना नुसार 320 सवे नमूना के आलोक से संबंधित प्रतिष्ठानों के विरुद्ध सुधार नोटिस जारी किया गया एवं अवमानक 25 लीगल नमूना के आलोक में सात प्रतिष्ठानों के विरुद्ध निर्णायक पदाधिकारी के न्यायालय में अभियोजन दायर की जा चुकी है 18 प्रतिष्ठानों के विरुद्ध अभियोजन दायर की प्रक्रियाधीन है। मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से होने वाले विकारों से बचाव हेतु चलंत खाद्य प्रयोगशाला वाहनों के माध्यम से जागरूक करने की कार्रवाई नियमित से की जा रही है तथा जिलों में सिविल सर्जन कार्यालय के आसपास होडिंग बैनर के माध्यम से दूषित खाद्य पदार्थों के सेवन से बचाव हेतु आवश्यक जानकारी प्रचारित करने की कार्रवाई की गई। शशि यादव के तारांकित प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आशा फैसिलिटेटर को उनके द्बारा किये गये सहयोगी पर्यवेक्षण हेतु पूर्व 20 दिनों के लिए 300 रुपए प्रति दिन की दर से 6000 रुपए दिया जाता था जिससे वित्तीय वर्ष 2024-25 में 20 दिनों से बढ़कर 21 दिनों के 500 रुपए प्रतिदिन की दर से प्रतिमाह 10500 रू तथा राज्य निधि से प्रतिमाह 1000 रुपए का भूगतान किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्बारा पूर्व में दो पोशाक के क्रय हेतु प्रति पोशाक 500 रु दर से 1000 रु दिया जाता था, परन्तु वित्तीय वर्ष 2024-25 से इसमें वृद्धि कर प्रति पोशाक 1250 रु का भुगतान आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को आशि्वन पोटल से किया जा रहा है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन केंद्र सरकार द्बारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में सीयुजी सीम हेतु 150 रु से बढ़ाकर 200 रु का भुगतान किया जा रहा है

