संविधान को सबसे ज्यादा ख़तरा देश के उन नागरिकों से है जो या तो मूर्ख हैं या उदासीन
संविधान बचाना है तो हमें लोगों तक संविधान पहुंचाना, उनको संविधान दिखाना, उन्हें संविधान पढाना और उन्हें संविधान समझाना होगा।
संविधान को खतरा मतलब स्वतन्त्रता,समता,न्याय और प्रेम जैसे लोकतांत्रिक एवं सृष्टि के सनातन नियमों की समाप्ति की आशंका ।
संविधान को खतरा मतलब निरंकुश शासन व्यवस्था में गिड़गिड़ाता ‘लोक ‘ और गुर्राता ‘ तंत्र ‘ ।
संविधान को ख़तरा मतलब अर्थव्यवस्था पर चंद पूंजीपतियों का एकाधिकार और जनता का अकल्पनीय शोषण ।
संविधान को ख़तरे से बचाना है तो उसके प्रति लोगों में जिज्ञासा व जागरूकता पैदा करना बेहद जरूरी है ।

