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उगते सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के साथ छठ महापर्व का हुआ समापन

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बिहार/मधुबनी जिले लदनिया प्रखंड में उगते सूर्य भगवान को अर्ध्य दला मे लोक आस्था के छठ महापर्व का चौथे दिन आज सुबह छठवर्तियों के उगते सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के साथ समापन हो गया।इसके बाद सभी छठ व्रतियों ने व्रत का पारण किया। इसे लेकर जिले से लेकर गांव समेत अन्य छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था संधारण के लिये जिला प्रशासन चौकस दिखी।

भारी संख्या मे पुलिस बल के साथ एसडीआरएफ की टीम तैनात रही। मान्यता है कि सूर्योदय के समय अर्घ्य देने से सुख-समृद्धि, सौभाग्य, संतान प्राप्ति की मनोकामना और संतान की रक्षा का वरदान मिलता है। छठ महापर्व के आखिरी दिन सूर्योदय के दौरान अर्घ्य देते समय मंत्र-ओम एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते, अनुकंपय माम् भक्तया गृहाणाघ्र्यम् दिवाकर का जाप किया गया। महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हुआ था। पहले दिन व्रतियों ने यहां गंगा स्नान के साथ सूर्यदेव को जल से अर्घ्य दिया। इसके बाद पूरी पवित्रता के साथ अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी और आंवले की चटनी एवं अन्य का भोग लगाकर प्रसाद तैयार किया। बुधवार को खरना पूजन के दिन व्रतियों ने पूरे दिन उपवास कर शाम में भगवान का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हुआ। गुरुवार को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।

Screenshot 2024 11 08 12 28 21 10 99c04817c0de5652397fc8b56c3b3817 उगते सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के साथ छठ महापर्व का हुआ समापनआज उदीयमान सूर्य को नदी-तालाब या अन्य जल स्रोतों के बीच खड़े होकर अर्घ्य देने के साथ ही छठ का चार दिवसीय अुनष्ठान पूरा हो गया। छठ व्रतियों ने अनुष्ठान के समापन की पूर्व संध्या पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दिन षष्ठी तिथि को छठी मैया का पूजन विधि-विधान के साथ हुआ। व्रतियों ने जल में खड़े होकर पवित्रता के साथ फल, मिष्ठान, नारियल, पान-सुपारी, फूल, अर्कपात से भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना की। आज सुबह कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय पर्व संपन्न हुआ। अर्घ्य व पूजन करने के बाद व्रतियों ने घाट पर पारण कर पर्व का समापन किया।