बिहार

मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा, बाढ़ राहत फूड पैकेजिंग सेंटर एवं कम्युनिटी किचेन का लिया जायजा ।। 2.मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित 13 जिलों के परिवारों के खाते में आनुग्रहिक राहत की राशि का किया शुभारंभ, बाढ़ के दौरान चलाये गये राहत एवं बचाव कार्य की उच्चस्तरीय समीक्षा की, अधिकारियों को दिये निर्देश

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पटना /मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने दरभंगा के इंडोर स्टेडियम में बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार किये जा रहे बाढ़ राहत फूड पैकेजिंग सेंटर का जायजा लिया और फुड पैकेट में दिये जा रहे सामानों की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी एवं संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिला अंतर्गत कोसी पश्चिमी तटबंध के टूटने से प्रभावित क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित परिवारों के खाते में 9 अक्टूबर से पहले 7-7 हजार रुपये की दर से आनुग्रहिक अनुदान दिये जाने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री की उपलब्धता एवं उसका वितरण, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स / फूड पैकेट्स समय पर लोगों को उपलब्ध हो इसका ध्यान रखें। आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से चलाए जा रहे राहत कार्यों को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई।

दरभंगा के लहेरियासराय के इंडोर स्टेडियम में फूड पैकेजिंग सेंटर का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने किरतपुर कुशेश्वरस्थान प्रखंड के बाढग्रस्त इलाके का भी दौरा किया। मुख्यमंत्री ने बिरौल अनुमण्डल क्षेत्र के पूनाँच में बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए चलाये जा रहे कम्युनिटी किचेन का जायजा लिया। पूनाँच गाँव में चल रहे सामुदायिक रसोई घर का निरीक्षण किया जहाँ बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए भोजन, दूध सहित अन्य व्यवस्थायें की गई है। मुख्यमंत्री ने खाने का स्थल, रसोई घर, वाटर ए०टी०एम०, स्वास्थ्य कैंप, पशु चिकित्सा केन्द्र आदि का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने भोजन के बारे में बाढ़ पीड़ित परिवारों से फीडबैक प्राप्त किया, जहाँ बाढ़ पीड़ितों ने भोजन की गुणवत्ता और जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यों की सराहना की।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि सूखा राहत और फूड पैकेट की आपूर्ति बाढ़ पीड़ितों के बीच लगातार करते रहें। मुख्यमंत्री ने राहत कैंप में जन्म लेने वाले नवजात बच्चें की माँ को 10 हजार रूपये का चेक / प्रोत्साहन राशि प्रदान किया।

निरीक्षण के दौरान समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, विधायक श्री मुरारी मोहन, विधायक श्री संजय सरावगी, विधायक श्री विनय चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त श्री मनीष कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, दरभंगा प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री राजेश कुमार, दरभंगा जिले में आपदा राहत को लेकर विशेष प्रतिनियुक्ति पर गये बिहार राज्य पथ विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्री शीर्षत कपिल अशोक, दरभंगा के जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन, दरभंगा के पुलिस अधीक्षक श्री जगुन्नाथ रेड्डी सहित आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

2 .मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित 13 जिलों के परिवारों के खाते में आनुग्रहिक राहत की राशि का किया शुभारंभ, बाढ़ के दौरान चलाये गये राहत एवं बचाव कार्य की उच्चस्तरीय समीक्षा की, अधिकारियों को दिये निर्देश

मुख्यमंत्री के निर्देश

प्रथम चरण की बाढ़ से प्रभावित परिवारों के खाते में आज 7-7 हजार रूपये की आनुग्रहिक राहत राशि हस्तांतरित की गयी है। द्वितीय चरण के बाढ़ से प्रभावित परिवारों को दुर्गा पूजा के पूर्व (9 अक्टूबर तक) उनके खाते में राशि अवश्य हस्तांतरित करा दें।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की फसल क्षति का आकलन करायें और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करायें।

बाढ़ के दौरान जिन बांधों को क्षति पहुंची है, उनका शीघ्र पुनस्थापन कार्य करायें। साथ ही पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनस्थापन कार्य भी जल्द से जल्द कराये।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संभावित बीमारियों को लेकर चिकित्सा सेवा की पूरी व्यवस्था रखें।

पटना/ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में आयोजित कार्यक्रम में वर्ष 2024 में राज्य में 13 जिलों में आयी बाढ़ (प्रथम चरण) से प्रभावित4.39 लाख परिवारों को डी०बी०टी० (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के द्वारा सीधे उनके खाता में7 हजार रूपये प्रति परिवार की दर से कुल 307 करोड़ रूपये की आनुग्रहिक राहत की राशिके भुगतान का माऊस क्लिक कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने बाढ़ 2024 के दौरान चलाये गये राहत एवं बचाव कार्य से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी देते हुये बताया कि 20 सितम्बर से 29 सितम्बर के बीच गंगा नदी के जलस्तर में हुयी वृद्धि से 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हुये। प्रथम चरण में 28.34 लाख की आबादी प्रभावित हुयी। द्वितीय चरण में 29 सितम्बर से नेपाल एवं उत्तरबिहार के समीपवर्ती जिलों में हुयी भारी वर्षापात के कारण गंडक, कोशी आदि नदियों मेंजलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने से राज्य के 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ बाढ़ आपदा प्रबंधन मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सभी कार्रवाई की जा रही है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।

समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रथम चरण में आयी बाढ़ से 16 जिले के 67 प्रखण्ड और 645 पंचायत का कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है। दूसरे चरण में आयी बाढ़ के कारण हुयी फसल क्षति का आकलन कराया जा रहा है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी ने अपने विभाग से संबंधित जानकारी देते हुये बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु शिविर लगाये गये हैं। पशु चिकित्सक, पशु चारा एवं दवा की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराते रहें। सरकार में आने के बाद से आपदा पीड़ितों की सहायता के लिये हमलोग लगातार तत्पर रहते हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों की फसल क्षति का आकलन करायें और उन्हें हरसंभव सहायता उपलब्ध करायें। आज प्रथम चरण में आयी बाढ़ से प्रभावित परिवारों के खाते में राशि हस्तांतरित की गयी है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि द्वितीय चरण में आये बाढ़ से प्रभावित परिवारों को 9 अक्टूबर तक उनके खाते में राशि अवश्य हस्तांतरित करा दें। प्रथम चरण में आये बाढ़ से हुयी फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच यथाशीघ्र राशि का भुगतान करायें। बाढ़ के दौरान जिन बांधों को क्षति पहुंची है, उनका शीघ्र पुनस्थापन कार्य करायें। साथ ही पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनस्थापन कार्य भी जल्द से जल्द कराये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़जनित बीमारियों को लेकर चिकित्सा सेवा की पूरी व्यवस्था रखें।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ० उदय कांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ० एन० विजयलक्ष्मी, कृषि विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती साहिला सहित आपदा प्रबंधन विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।