महाअष्टमी अवर महानवमी क्या सही समय और क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन महागौरी का होता है नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी कहते हैं। कुछ भक्तों ने तो नवरात्रि में 2 दिन का उपवास रखा है तो कुछ लोग नवरात्रि में चढ़ती उतरती का व्रत करते हैं। यानी कि पहला और आखरी व्रत।
रूप बहुत ही सुंदर और सहस है
जो लोग अष्टमी के दिन व्रत रखते हैं वह इस दिन शक्ति के आठवें मां गौरी की आराधना करते हैं। मां का यह रूप बहुत ही सुंदर अलवर सरस हैं।
महाअष्टमी की पूजा
बहुत सारे भक्त इसी दिन कन्या पूजन करते हैं जो लोग महा अष्टमी की पूजा करते हैं वह लोग 29 मार्च को मां गौरी की पूजा करें मालूम हॉकी अष्टमी तिथि का परम आज शाम 7:02 से हो जाएगा जो कि बुधवार रात 9:07 तक समाप्त होगी। मां
सिद्धिदात्री की पूजा
आवाज जो लोग नवमी में मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं उनके लिए बता दें हैं कि नवमी का पर्व बुधवार रात रात 9:08 से होगा वर्ष का समापन 30 मार्च को 11:30 पर होगा।
इस दौरान भक्तगण आदिशक्ति की पूजा करते हैं और कंजक जिमां सकते हैं।
क्यों होता है कन्या पूजन
12 साल से छोटी कन्याओं को साक्षात मां दुर्गा का रूप माना जाता है ऐसा माना जाता है कि मां इन कन्याओं के रूप में ही घर में पधार ती है इसलिए लोग इन्हें देवी मान कर पूछते हैं. कन्या पूजन करने से इंसान के घर में सुख शांति समृद्धि आती है और मां का आशीष हमेशा घर में बना रहता है ।
आपको बता दें नवमी के मां के नौ रूपों की पूजा होती है नवमी का पूजा नवरात्रि का समापन होता है मां का नवरूप शतावरी अवार्ड नारायणी भी कहलाता है जो कि सीधी हो को देने वाली है मां का यह रूप भी भव्य और सुंदर है।