किसी भी परिस्थिति में राष्ट्र को सुरक्षित रखेंगे हमारे जवान : महानिरीक्षक ,सीमा सशस्त्र बल
चन्देश्वर कामत की रिपोर्ट
सुपौल/निर्मली के रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र सुपौल में प्रशिक्षित सभी जवानों को तकनीकी जानकारी देने के बाद सीमा पर तैनात किया जाएगा। एसएसबी केंद्र सुपौल में पहले बैच में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 502 जवानों ने सफलता पूर्वक इस कार्य को कर दिखाया है। प्रशिक्षण के कठिन दौर से निकलकर इन जवानों ने यह साबित कर दिया है कि वे देश तथा देश की सीमा पर किसी भी जगह पर किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रहित के लिए काम करने योग्य हो गए हैं।
उक्त बातें सीमांत मुख्यालय सशस्त्र सीमा बल पटना के महानिरीक्षक संजय कुमार ने सोमवार को सुपौल जिले के आसनपुर-कुपहा गांव में बने एसएसबी के रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र के पहले बैच के जवानों के पासिग आउट परेड का निरीक्षण करने के बाद आयोजित दीक्षांत समारोह में कही। महानिरीक्षक ने कहा कि सुपौल जिला सशस्त्र सीमा बल के रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन 15 जून 2018 को किया गया था। प्रशिक्षण केंद्र में द्वितीय बैच में आन प्रदेश के 26 आसाम 38 बिहार का 75 छत्तीसगढ़ का 18 हरियाणा का 15 झारखंड का 63महाराष्ट्र का तापमान 53 उड़ीसा का 29 राजस्थान का 14 त्रिपुरा का 38 उत्तर प्रदेश के 60पश्चिम बंगाल के 74 जवानों को प्रशिक्षण के लिए शामिल किया गया। जवानों ने छह माह तक राजीव राणा उपमहानिरीक्षक रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र की अगुवाई में अधिकारियों एवं प्रशिक्षकों द्वारा कठिन परिश्रम से प्रशिक्षण प्राप्त किया और ऐसे जवानों को भारत-नेपाल व भारत-भूटान की सरहदी इलाकों में तैनाती के साथ-साथ देश के आतंकवाद एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थापित किया जाएगा।
महानिरीक्षक ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों से बल में भर्ती होकर आए जवानों ने प्रशिक्षण की विभिन्न कलाओं में अपना दमखम दिखाया है 502 जवान मे से 6 नव आरक्षी जवान ने उनके विभिन्न विद्याओं के उच्च प्रदर्शन करते हुए विभिन्न ट्रॉफी पर कब्जा किया .बेस्ट आउटडोर लिए शहीद आरक्षी/ सा.क. संजीत कुमार ट्रॉफी 64 वी वाहिनी के नव आरक्षी विक्रांत सेवर तेवर को दिया गया .80 वी वाहिनी के नव आरक्षी क्षत्रिय शुभम गोपाल को बेस्ट इंदौर के लिए शहीद आरक्षी घनश्याम गुर्जर ट्रॉफी प्रदान किया गया .बेस्ट फायर के लिए दी जाने वाली शहीद आरक्षी नीरज क्षत्रिय ट्रॉफी 65 वी वाहिनी के नव आरक्षी दिनेश मेहता को प्रदान किया गया .बेस्ट ड्रिल के लिए 4थी वाहिनी नव आरक्षी पाटिल अरुण दास को दी गई . बेस्ट पी.टी के लिए आरक्षी संपद रामचरित को तथा लोअर ऑल बेस्ट ट्रॉफी 66वी नव आरक्षी पंकज कुमार को दी गई डीपीआरसी बुनियादी प्रशिक्षण के मुख्य अतिथि के रूप में पंकज कुमार दारद महानिरीक्षक उनके द्वारा विभिन्न प्रकार के ट्रॉफी प्रदान की गई । निरीक्षक महोदय के द्वारा कार्यक्रम के दौरान जवानों के सामूहिक परेड का निरीक्षण किया तथा सलामी ली। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त जवानों द्वारा शानदार परेड प्रस्तुत करने की बढ़-चढ़कर सराहना की तथा देश सेवा की शपथ मुख अतिथियों के द्वारा महा निरीक्षक महोदय ने दिलाया ।
पासिग आउट परेड के लिए थी भव्य सजावट
सशस्त्र सीमा बल के रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र सुपौल स्थित आसनपुर-कुपहा मे द्वितीय बैच के जवानों को पासिग आउट परेड के लिए प्रशिक्षण केंद्र को भव्य तरीके से सजाया गया था। दीक्षांत समारोह तथा परेड के दौरान सीमांत मुख्यालय पटना के पाइप बैंड टीम सीआरपीएफ के जवान के द्वार मनभावन प्रस्तुति इस दीक्षांत समारोह में ब्रास बैंड टीम द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसका उपस्थित अधिकारियों तथा गणमान्य व्यक्तियों ने बढ़ चढ़कर सराहना की। बैंड पार्टी द्वारा करीब 1 घंटे तक देशभक्ति गीत के साथ कई तरह के करतब दिखाए गए।
इसके अलावा इस दीक्षांत परेड का मुख्य आकर्षण प्रशिक्षण के द्वारा प्रस्तुत विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन तथा टैटू ड्रिल , मलखंब, कमांडो ड्रिल बिना हथियार के लड़ाई के साथ-साथ में मेहराब घोड़े का आकर्षण का केंद्र रहा।
इस मौके पर जहां इन जवानों में देश सेवा का उत्साह दिखा वहीं, अलग-अलग राज्यों से आये नौजवानों के परिजनों ने अपने बच्चों की कामयाबी का जश्न मनाया।
हर कठिनाई से पार पाने का मिला है प्रशिक्षण
रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र के द्वितीय बैच बैच के जवानों को पासिग आउट परेड के अवसर पर अतिथि के रूप में पंकज कुमार दारद महानिरीक्षक ,क्षेत्रीय मुख्यालय पूर्णिया एसके सारंगी, मोहम्मद हुसैन खान डिप्टी कमांडेंट देव व्रतभूषण डिप्टी कमांडेंट ,निरंजन लाल असिस्टेंट कमांडेंट, कुलदीप कुमार अस्सिटेंट कमांडेंट ,विपिन कुमार असिस्टेंट कमांडेंट, रंगरूट प्रशिक्षण सुपौल के उपमहानिरीक्षक राजीव राणा द्वारा कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना से लेकर द्वितीय बैच के दीक्षांत समारोह के बीच के विभिन्न परिस्थितियों को विस्तार से रखा गया। उन्होंने इस दौरान पानी से घिरे प्रशिक्षण केंद्र में जवानों को प्रशिक्षण देने में होने वाली कठिनाइयों को रेखांकित किया तथा कहा कि कठिन परिस्थिति में जवानों ने दमखम दिखाते हुए न सिर्फ प्रशिक्षण पूरा किया है बल्कि प्रशिक्षण केंद्र को भी व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसके लिए सभी सराहना के पात्र हैं।
प्रशिक्षुओं को भारत-नेपाल, भारत-भूटान के सरहदी इलाकों में तैनाती के साथ-साथ देश के आतंकवाद और नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कार्यक्रम के समापन पर वहां उपस्थित महा निरीक्षक सहित अन्य अधिकारियों के प्रति आभार जताया। उसी अंदाज में जवानों के परेड तथा दीक्षांत समारोह का आयोजन भी पूरा किया गया।