राजद के विधान पार्षद डॉ सुनील सिंह का सदस्यता समाप्त करना लोकतंत्र की हत्या
मधुबनी /राजद जिला प्रवक्ता इंद्रजीत राय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के विधान पार्षद डॉ सुनील सिंह का सदस्यता समाप्त करना लोकतंत्र की हत्या करना है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री सत्ता के अहंकार में डूबे हुए हैं।
विधान परिषद के सभापति द्वारा बिना साक्ष्य के बिना सुनील सिंह के पक्ष को परिषद में रखे वगैर सदस्यता को समाप्त कर देना कहीं से तर्कसंगत नहीं है। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं बार-बार कहा था कि सुनिल सिंह को बर्बाद कर देंगे। नेता सदन के द्वारा इस तरह की भाषा पर आचार समिति ने कोई मामला दर्ज नहीं किया जबकि लोकतंत्र में विपक्ष का काम होता है सरकार के गलत कार्यों पर सरकार को आईना दिखाना और सुनिल सिंह लगातार जनता के मुद्दे, किसानों के सवाल, बिहार में बढ़ते भ्रष्टाचार तथा सरकार के क्रियाकलाप पर चर्चा करते थे लेकिन उस पर कभी भी सरकार ने सुनने का काम नहीं किया। विपक्ष के आवाज को दबाने के लिए और एक व्यक्ति के जिद्द और उन्हें खुश रखने के लिए इस तरह की कार्रवाई की गई।
सुनिल सिंह को बर्बाद करने की धमकी देने वाले मुख्यमंत्री के मामले पर आचार समिति ने चुप्पी साध ली। इस तरह का कृत्य लोकतंत्र को कमजोर करता है। सबको पता है कि लगातार मुख्यमंत्री ने सदन के अन्दर अपमानजनक भाषा पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी जी के लिए इस्तेमाल किया उस पर भी सभी खामोश रहे। लालू जी और श्रीमती राबड़ी देवी जी के संबंध में किस तरह के अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है सदन के अन्दर उस पर भी आचार समिति खामोश क्यो है।
विधान सभा और विधान परिषद में मुख्यमंत्री ने बार-बार महिलाओं के संबंध में अश्लील और मर्यादाहीन भाषा का इस्तेमाल किया तथा दलित समाज से आने वाली महिला विधायक को किस तरह से अपमानित करने के लिए मर्यादाहीन भाषा इस्तेमाल की गई उस पर सत्ता पक्ष और आचार समिति खामोश क्यो है। लोकतंत्र को सत्ता के जोर पर और एक व्यक्ति के जिद्द को पूरा करने के लिए सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया अपनायी गई जो कहीं से उचित नहीं है। सदस्यता समाप्त करके मुख्यमंत्री विपक्ष को डराना चाहते हैं और अपनी सरकार की कमजोरी को छुपाना चाहते हैं | आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इसका जरूर जवाब देगा |